चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (77) ने यहां एक सामाजिक अवसर पर सेना के जवान, जूनियर कमीशन अफसरों और सिख रेजिमेंट के अफसरों के साथ मिलकर भारतीय सेना के साथ अपने परिवार के सौ साल पुराने सौहार्द को मजबूत करने का प्रयास किया। उनके सहयोगियों ने रविवार को यह जानकारी दी। यहां शनिवार की शाम चंडीमंदिर में हुई एक औपचारिक सभा में अमरिंदर सिंह ने जवानों का उत्साहवर्धन किया और खुद भी भांगड़ा की धुन पर अपने कदम थिरकाए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस मौके ने सेना की पलटन और भारतीय जवान के साथ पटियाला के शाही राजघराने के साहचर्य को चिन्हित किया।
मुख्यमंत्री सबसे पहले जूनियर कमीशन अफसरों के मेस में गए और बाद में रेजिमेंट अफसरों और अतिथियों के साथ भोजन किया।
दो बार के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह तत्कालीन पटियाला शाही घराने के राजवंशज रह चुके हैं, साथ ही भारतीय सेना में भी वह अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
साल 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में वह आर्मी कप्तान रह चुके हैं।
इस सम्मेलन में जवानों और उनके परिवार और बच्चों के साथ अमरिंदर ने एक यादगार पल को साझा किया। वह सिख रेजिमेंट (तत्कालीन 15 लुधियाना सिख) की दूसरी पलटन के साथ स्वतंत्र रूप से जुड़े रहे।
यह उनके और उनके परिवार के लिए गर्व और सम्मान की बात थी कि उन्होंने भारतीय सेना में एक सेना के रूप में सेवा की, मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना हमेशा से ही उनका पहला प्यार रहा है और हमेशा रहेगा।
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