चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अकालियों द्वारा अपने
संकुचित राजनीतिक हितों को बढ़ावा देने के लिए और अपने आपको किसानों का ‘मसीहा ’ पेश करने की कोशिशों के तौर पर किसान कर्ज माफी पैकेज संबंधी
मचाए जा रहे शोर-शराबे के लिए अकालियों की तीखी आलोचना की है जिन्होंने
अपने कार्यकाल के दौरान अपनी हद से घटिया नीतियों के साथ किसानों को कर्जे के जंजाल में धकेला। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अपने एक दशक के लंबे शासन के
दौरान किसानों के लिए कुछ न करन वाले अकालियों की तरफ से 90,000 करोड़ रुपए
के कर्ज माफी पैकेज की की जा रही माँग को रद्द करते हुए मुख्यमंत्री ने
कहा कि निराशा में घिरे हुए अकाली अपनी राजनैतिक अस्तित्व को उठाने के लिए
और लोगों में हाजिऱी लगवाने के लिए मुद्दे ढूंढने की असफल कोशिश कर रहे
हैं।
शनिवार को जारी किये एक बयान में मुख्यमंत्री ने शिरोमणि
अकाली दल द्वारा पंजाब के राज्यपाल को पेश किये ज्ञापन पर तीखी प्रक्रिया
प्रकट की है जिसमें अकालियों ने 90,000 करोड़ के कर्ज माफ करने संबंधी
सरकार को हिदायतें जारी करने की माँग की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर आप
किसानों की हालत संबंधी इतने ही चिंतित हो तो आप पिछले 10 वर्षो के दौरान
किसानी भाईचारे को ऊंचा उठाने के लिए कुछ भी क्यों नहीं किया? उन्होंने इस
नाजुक मुद्दे संबंधी किये जा रहे शोर-शराबे के लिए अकालियों की तीखी आलोचना
की। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि वास्तव में किसानों की दयनीय हालत
पिछली अकाली सरकार की जन विरोधी नीतियों का नतीजा हैं। इन नीतियों के कारण
राज्य का प्रत्येक वर्ग त्राही-त्राही करने लग पड़ा था।
कैप्टन
अमरिंदर सिंह ने कहा कि राज्य सरकार छोटे और सीमांत किसानों के कर्जे माफ
करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए जरूरी फंड पैदा करने के लिए सफल रही
है। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थितियों में इसके लिए प्रभावी कार्य किया गया
है परंतु अकाली अपने संकुचित राजनैतिक हितों को बढ़ावा देने के लिए किसानी
कर्ज माफी के मुद्दे के साथ खेलने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी मुकम्मल कर्ज माफी की माँग न केवल राज्य की
ज़मीनी हालत बारे उनकी समझ के दीवालीएपन को दिखाती है बल्कि लोगों में फिर
से उभरने की निराशाजनक कोशिश को भी व्यक्त करती है क्योंकि यह पिछले वर्ष
फरवरी में विधानसभा चुनाव हारने के बाद 11 महीनों से पूरी तरह राजनैतिक
क्षेत्र में हाशिए पर लगे हुए हैं।बेअदबी मामलों के मुद्दे
पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अकाली ऐसे मामलों में पर्दाफाश होने के डर से
अपने आप को बचाने के लिए ढंग -तरीके ढूँढने की कोशिश में लगे हुए हैं।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी तरह के दावपेंच उनकी कोई मदद
नहीं कर सकते और उनको अपने एक दशक के कुशासन और बुरे कामों से बच नहीं
सकते। मुख्यमंत्री ने अकालियों को विरोधी पक्ष के तौर पर
रचनात्मक कार्य करने की अपील की और राज्य के विकास और सभी वर्गों के कल्याण
को यकीनी बनाने के लिए सरकार का साथ देने के लिए कहा।
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