चंडीगढ़। c पर लॉ कमीशन की सिफारिशों की प्रति फूंकी।
सिफारिशों की प्रति को आग लगाने के बाद बार एसोसिएशन के नेतृत्व में सभी
वकील पंजाब और हरियाणा के गवर्नर से मिले। उन्हें अपना विरोध पत्र सौंपा।
बार
काउंसिल ऑफ इंडिया की कॉल के अनुसार लंच के बाद सभी वकीलों ने अदालती
कार्यवाही में शामिल न होने का फैसला लिया। पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट
बार एसोसिएशन के प्रधान हरप्रीत सिंह बराड़, सचिव सुरिंदर टिन्ना सहित एक
दर्जन से अधिक वकीलों ने हरियाणा और पंजाब भवन की ओर रुख किया।
हाई
कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव सुमित जैन ने कहा की विधि आयोग की यह
सिफारिशें वकीलों के कामकाज और उनके अधिकारों में दखल देने वाली हैं। इससे
वकीलों की स्वतंत्रता का हनन किया जा रहा है। यह सिफारिशें पूरी तरह से
वकीलों के हितों के खिलाफ हैं, जिन्हें किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया
जा सकता है। इन सिफारशों में वकीलों के खिलाफ कार्यवाही का बीसीआइ के बजाय
सेवानिवृत जजों को अधिकार दिए जाने और वकीलों को हड़ताल और कामकाज ठप करने
पर भी रोक लगा दी गई है।
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