चंडीगढ़। पंजाब विजीलेंस ब्यूरो द्वारा गिरफ़्तार किए गए मुलजिम कुलदीप सिंह ने थाना विजीलेंस ब्यूरो उडऩ दस्ता-1 पंजाब मोहाली में भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के अंतर्गत दर्ज एफआईआर की जाँच के दौरान कुछ अहम खुलासे किए हैं।
ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि मुलजिम बलबीर सिंह और ख़ाद्य, सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामले विभाग, पंजाब का ड्राइवर कुलदीप सिंह और ख़ुद को आईजी, विजीलैंस ब्यूरो बताने वाले मालविन्दर सिंह सिद्धू, एआईजी मानवाधिकार सेल, पंजाब पुलिस, सह-मुलजिम हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जि़क्रयोग्य है कि उक्त मालविन्दर सिंह उक्त मुलजिमों के साथ मिलकर ग़ैर-कानूनी ढंग से सरकारी कर्मचारियों के सर्विस रिकार्ड हासिल करके उनके खि़लाफ़ झूठी और फर्जी शिकायतें दर्ज करवा करके उनसे धोखाधड़ी, ब्लैकमेल करके पैसे की वसूली करता था।
प्रवक्ता ने बताया कि उक्त मुलजिम कुलदीप सिंह द्वारा ऐवीडैंस एक्ट के अंतर्गत दिए बयान के बाद विजीलेंस ब्यूरो ने इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस, विजीलेंस विभाग, पंजाब के नाम पर बनी एक जाली/ फर्जी मोहर बरामद की है, जो कि कुलदीप सिंह के बताने अनुसार एआईजी मालविन्दर सिंह द्वारा ब्लैकमेल/ जबरदस्ती के लिए इस्तेमाल की जाती थी।
इसके इलावा मुलजिम कुलदीप सिंह से दो मोबाइल फ़ोन भी बरामद किए हैं, जिनको फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। उन्होंने आगे बताया कि इन मोबाइल फोनों में मौजूद डेटा के कारण इस केस में बड़े खुलासे हो सकते हैं और आगे जांच जारी है।
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