चंडीगढ़ । कांग्रेस और भाजपा के अलग रहने से पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली आप सरकार ने विधानसभा सत्र के अंतिम दिन प्रचंड बहुमत से विश्वास मत हासिल किया। शिरोमणि अकाली दल (सैड) और बसपा के अकेले विधायक सदन में मौजूद थे लेकिन उन्होंने प्रस्ताव के खिलाफ कुछ नहीं बोला। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कुल 93 विधायकों ने विश्वास मत के पक्ष में मतदान किया।
मान ने कहा, "मैं पंजाब के लोगों को मोहाली हवाई अड्डे का नाम शहीद भगत सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में रखने के लिए बधाई देता हूं। हलवारा एयरपोर्ट का नाम करतार सिंह साराभास के नाम पर कराने की कोशिश करूंगा।"
कांग्रेस और भाजपा को एक ही सिक्के के दो पहलू बताते हुए मान ने पहले कहा था कि राज्य में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को गिराने के लिए दोनों दलों ने हाथ मिलाया है, इसलिए विश्वास प्रस्ताव जरूरी है।
27 सितंबर को विधानसभा सत्र के पहले दिन विश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए मान ने कहा, "भाजपा पिछले दरवाजे से राज्य में सरकार बनाने के लिए दलबदल विरोधी कानून को एक नए उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रही है और दुर्भाग्य से इसका सबसे बड़ा शिकार होने के बावजूद कांग्रेस इसका समर्थन कर रही है।"
मुख्यमंत्री ने कहा था कि भाजपा ने विधायकों को लुभाकर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और अन्य में निर्वाचित सरकारों को गिरा दिया है। हालांकि, उन्होंने कहा था कि वे दिल्ली में तीन बार अपनी भयावह चालों में विफल रहे और अब पंजाब में भी विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा राज्य में सत्ता हथियाने के लिए कुछ भी करने को राजी है।
--आईएएनएस
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