चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्कूल शिक्षा प्रणाली में सुधारों संबंधीे सुझाव देने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों सहित सूबे भर के अध्यापकों का एक कोर ग्रुप गठित करने के आदेश दिए हैं । ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री ने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा के परिणामों का जायज़ा लेने के लिए बुलाई एक उच्च स्तरीय मीटिंग के दौरान स्कूल शिक्षा के सचिव को इस संबंधी ज़रूरी दिशा निर्देश जारी किये । मीटिंग के बाद एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि यह कोर ग्रुप मौजूदा पाठ्यक्रम में सुधार लाने पर अपना ध्यान केन्द्रित करेगा जिससे इसको निजी और कान्वेंट स्कूलों के समान बनाया जा सके । यह कोर ग्रुप 15 जून तक अपनी रिपोर्ट पेश करेगा ।
प्रवक्ता के अनुसार कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सरकारी स्कूलों के विकास के लिए ज़रूरी बुनियादी ढांचा और मानवीय समर्था उपलब्ध करवाने के लिए सूबा सरकार द्वारा पूरा समर्थन देने की पेशकश की । इस मीटिंग में शिक्षा मंत्री ओपी सोनी और स्कूल शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों के अलावा अध्यापकों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए ।
सचिव शिक्षा कृष्ण कुमार ने मुख्यमंत्री को बताया कि 10वीं और 12वीं कक्षा के नतीजों में क्रमवार 5 प्रतिशत और 7 प्रतिशत सुधार आया है । उन्होंने कहा कि परीक्षाओं के दौरान नकल रोकने के लिए विभाग द्वारा तीखी कार्यवाही के बावजूद नतीजों में यह सुधार देखने को मिला है ।
मुख्यमंत्री ने पढ़ाई में विद्यार्थियों की रूचि बढ़ाने के लिए एक रूप रेखा तैयार करने के लिए भी कोर ग्रुप को कहा है । उन्होंने सुधार की प्रक्रिया के लिए 10वीं और 12वीं के नतीजों में 100 प्रतिशत नतीजे प्राप्त करने का रिकार्ड स्थापित करने वाले अध्यापकों को इसमें शामिल करने की अपील की है । उन्होंने भरोसा दिलाया कि स्कूलों में अध्यापकों की कमी से निपटने के लिए सरकार द्वारा सभी कदम उठाए जाएंगे और अध्यापकों के कौशल के नियमित विकास को यकीनी बनाया जायेगा ।
उन्होंने सुधारों को समयबद्ध तरीकों से लागू करने को यकीनी बनाने के लिए शिक्षा मंत्री को निर्देश दिए और उन्होंने फ्ऱैंच, चाईनीज और जर्मन आदि विदेशी भाषावों को लागू करने संबंधी विस्तृत प्रस्ताव भी शिक्षा विभाग से मांगा है । विश्व स्तर पर नौकरियों के लिए विद्यार्थियों को मुकाबले पर खड़ा करनं के लिए उनको चुनिंदे विषय के तौर पर स्कूलों में यह भाषाएं पढ़ाए जाने का प्रस्ताव है ।
मुख्यमंत्री ने ‘पढ़ो पंजाब, पढ़ाओ पंजाब’ प्रोग्राम की प्रगति का जायज़ा लिया और इस प्रोग्राम को बढ़ावा देने के लिए अध्यापकों की कोशिशों की सराहना की । कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बढिय़ा नतीजे देने वाले अध्यापकों को आज़ादी दिवस और गणतंत्र दिवस मौके पर सम्मानित करने के लिए भी शिक्षा मंत्री को हिदायत जारी की जिससे अन्य अध्यापकों को भी बढिय़ा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रेरित किया जा सके ।
इस मीटिंग में दूसरों के अलावा मुख्य सचिव करन अवतार सिंह, प्रमुख सचिव वित्त अनिरुद्ध तिवाड़ी, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव गुरकिरत कृपाल सिंह, सचिव शिक्षा कृष्ण कुमार, डायरैक्टर जनरल स्कूल शिक्षा प्रशांात कुमार गोयल, चेयरमैन पी.एस.ई.बी. मनोहर कांत कलोहिया, सचिव पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड हरगुणजीत कौर, डीपीआई स्कूल परमजीत सिंह और डी.पी.आई. एलिमेंट्री इन्द्रजीत सिंह भी शामिल थे ।
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