चंडीगढ़। महिलाओं
का समाज में अहम स्थान है और वह पवित्रता, कोमलता और अच्छाई का अक्ष हैं
जिनके आसपास समाज का विकास घूमता है। यह बात पंजाब के पर्यटन और सांस्कृतिक
मामलों संबंधीे मंत्री स. नवजोत सिंह सिद्धू ने आज यहाँ पंजाब कला भवन
स्थित रंधावा ऑडीटोरियम में तीन दिवसीय 17 वीं सर्वभारतीय कवियत्री कांफे्र
स का उद्घाटन करने उपरांत संबोधित करते हुये कही। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सिद्धू ने कहा कि ऐसी कांफ्रेंस से जहां नारी शक्ति का प्रतीक हैं वहीं उस
प्रवृत्ति का भी प्रतिनिधित्व भी करती हैं जिस कारण उन्होंने दुनिया भर
में अपना सम्मानजनक स्थान अपनी मेहनत से कायम किया है। कांफ्रेंस को पंजाब
के इतिहास में विशेष जगह रखने वाली करार देते हुए सिद्धू ने कहा कि यह
देख कर बहुत ही ख़ुशी हुई है कि देश भर में से महान महिला कवियों ने इस
कांफे्रस में शिरक्त कर कर पंजाब का मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि ऐसे
मौके विभिन्न सभ्याचारों से जुड़े लोगों के एकत्र के साथ जो विचारों का
आदान प्रदान होता है, उससे एक राज्य को दूसरे राज्य के सभ्याचार, साहित्य
और इतिहास संबंधीे जानकारी मिलती है जिस से भाईचारे की जड़े मज़बूत होती
हैं और अनेकता में एकता के विचार को ओैर प्रोत्साहन मिलता है।
पंजाब
के सभ्याचार और इतिहास पर रोशनी डालते हुए सिद्धू ने कहा कि पंजाब
हमेशा ही धर्म निरपेक्षता, भाईचारक सांझ और शांतमयी सहअसितत्व का सूचक रहा
है और इसका सबसे बड़ा प्रमाण गुरू साहिबानों की शिक्षाएं और महाराजा रणजीत
सिंह के शासन में मिलता है। उन्होंनेें कहा कि इन धर्मनिरपेक्ष रीतियों का
प्रभाव पंजाब के साहित्य पर भी साफ़ देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि
डा. सुरजीत पात्र के नेतृत्व अधीन पंजाब कला परिषद पंजाब अंदर सांस्कृतिक
लहर चलाएगी जो सीधे तौर पर पंजाब के हर गाँव के साथ जुड़ेगी।
सिद्धू ने इस अवसर पर अहम ऐलान करते हुये कहा कि कला, साहित्य, सांस्कृतिक
गतिविधियों को प्रफुल्लित और लुप्त हो रही कलायों को सँभालने के लिए पंजाब
सरकार द्वारा पंजाब कला परिषद के लिए 3 करोड़ रुपए की अनुदान मंज़ूर किया
गया है जिस की स्वीकृति का पत्र आज वह डा. सुरजीत पात्र को सौंप रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 3 करोड़ रुपए के इस अनुदान में से 2.01 करोड़ रुपए पंजाब
कला परिषद और 33-33 लाख रुपए परिषद के अधीन काम कर रही तीन अकैडमियों
(पंजाब साहित्य अकैडमी, पंजाब ललित कला अकैडमी और संगीत नाटक अकैडमी) को
अनुदान दिया जा रहा है।
इस
मौके पर बोलते पंजाब कला परिषद के चेयरमैन डा. सुरजीत पात्र ने भाषाई
एकसुरता को समय की सब से बड़ी ज़रूरत बताते कहा कि देश के हर क्षेत्र,
राज्य की अपनी भाषा और सभ्याचार है और ऐसी कांफ्रेंसो से एक दूसरे के
सभ्याचार से अवगत होने का मौका मिलता है। उन्होंने अपनी तरफ से यह भरोसा
दिलाया कि पंजाब कला परिषद पंजाब की समृद्ध विरासत, सभ्याचार, साहित्य और
कला को प्रफुल्लित करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।
उद्घाटनी
सैशन दौरान कांफ्रेंस की कनवीनर सिमरत सुमैरा, ए.आई.पी.सी. की चेैयरपर्सन
डा.विजय लक्ष्मी कोसगी, पंजाब साहित्य अकैडमी की प्रधान डा.सरबजीत कौर
सोहल, सतीन्द्र पन्नू ने भी संबोधित करते कांफ्रेंस के इतिहास और इसके
मनोरथ संबंधी प्रकाश डाला। कांफ्रेंस की शुरुआत से पहले सिद्धू और
डा.सुरजीत पात्र ने रंधावा ऑडीटोरियम के बाहर स्थित महिंद्र सिंह रंधावा की
प्रतिमा पर फूलमाला भेंट की। कांफ्रेंस की शुरुआत मुख्य अतिथि द्वारा
ज्योति जलाकर की गई।इस
मौके पर मुख्य स्टेज पर विभिन्न भाषाओं में प्रतिनिधि महिला कवियों द्वारा
रचित 20 पुस्तकें और कांफ्रेंस की स्मारिका को भी जारी किया गया। 17वें
अंतरराष्ट्रीय कवयित्री सम्मेलन में 300 प्रतिनिधि हिस्सा ले रही हैं। इन
प्रतिनिधियों में पंजाबी के अलावा हिंदी, उर्दू, मराठी, तामिल, कन्नड़,
गुजराती, बंगला, कश्मीरी और विदेशों में रह रही पंजाबी महिला कवि शामिल
हैं।
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