चंडीगढ़। महिला कांग्रेस की प्रधान दीपा दुबे ने शहर से महिलाओं और बच्चियों के लापता होने को लेकर प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित को पत्र लिखकर लिखा है। पत्र में दुबे ने कहाकि पिछले हफ्ते संसद में पेश आंकड़ों औऱ एनसीआरबी की रिपोर्ट से हुआ खुलासा है कि बीते 2 साल 2021 से 2023 में देशभर से 13 लाख महिलाएं लापता हुई हैं। इनमें 18 से कम उम्र की 2,51,430 लड़कियां हैं। जबकि 18 साल से ऊपर की 10,61,648 महिलाएं लापता हैं।
महिला कांग्रेस की प्रधान ने कहा कि इसी रिपोर्ट से पता चला है कि चंडीगढ़ से पिछले 2 साल में 2021-2023 में 3,679 महिलाएं लापता हुई हैं।
दीपा ने कहा की चिंता की बात यह है कि पिछले 2 सालों में 3600 से ज्यादा महिलाएं चंडीगढ़ से लापता हो गई। लेकिन, शहर की जनता को इसके बारे में कोई भी सूचना नहीं। ना ही किसी प्लेटफार्म पर बताया गया कि चंडीगढ़ में ऐसी घटनाएं हुई हैं। उन्होंने जानना चाहा कि 2 साल में लापता इन महिलाओं को खोजने के लिए प्रशासन ने क्या किया। क्या किसी राजनीतिक दबाव के कारण कभी ऐसी घटनाएं शहर के नागरिकों के सामने नहीं आ पाई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
दुबे ने कहा कि शहर के नेताओं को राजनीतिक पार्टियों से ऊपर उठकर शहर की बेटियों और महिलाओं के लिए एकजुट होकर आवाज उठानी चाहिए। शहर की बेटियां और महिलाएं लापता हो रही हैं। उनके बारे मैं सोचें कि कैसे इस समस्या के समाधान पाया जा सके।
चंडीगढ़ प्रशासन को सख्त से सख्त कदम उठाने चाहिए। लापता बच्चे को और महिला को ढूंढने के लिए ताकि ऐसी घटनाएं आने वाले सालों में ना हो पाए। उन्होंने बताया कि 2019 से लेकर 2021 तक शहर से कुल 948 महिलाएं लापता हुई।
दुबे ने कहाकि शहर की बेटियां और महिलाएं जो लापता हुए हैं वह किसी की बहन, बेटी , पत्नी और मां हो सकती हैं।
चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारी इस बात की पुष्टि करें कि क्या महिलाओं का लापता होना किसी गिरोह का काम है। अगर इसके पीछे कोई गिरोह हैं उसकी प्रशासन पुष्टि करें।
बेटी बचाओ का जुमला देने वालों के अमृत काल की हकीकत यह है कि देश में बेटियां सुरक्षित ही नहीं है। देश की संसद में एनसीआरबी की रिपोर्ट हुआ खुलासे में यह आंकड़े परेशान और महिलाओं को झिंझोड़ने वाले है।
शहर के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित से अपील है की लापता हो रही महिलाओं और बेटियों को लेकर महिला अयोग और शहर के अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को इस बात पर मंथन करने की जरूरत है कि औसतन 3 से 4 महिलाएं हर रोज लापता हो रही हैं । इन घटनाओं को कैसे रोका जाए और कैसे महिला की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाए। ताकि शहर में महिलाएं और जिनके बेटियां हैं वह आराम से डर के बिना शहर में सो सकें।
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