पटियाला। इस शहर के विधायक कैप्टन अमरेन्द्र पंजाब के मुख्यमंत्री हैं। इसके
बावजूद पटियाला नगर निगम की हालत खराब है। नगर निगम में कमिश्नर को छोड़ सभी अहम पद खाली हैं, जिसके कारण शहर
का विकास प्रभावित हो रहा है। अफसरों की कमी का असर विकास कार्यों के
साथ-साथ नगर निगम की आय पर भी पड़ रहा है। शहर वासियों की अपने विधायक और सूबे के मुख्यमंत्री से मांग है कि वे नगर निगम में खाली पदों पर भर्ती करें ताकि शहर का विकास तेज गति से हो सके।
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बता दें कि मौजूदा समय नगर निगम में ज्वाइंट
कमिश्नर, म्यूनिसिपल टाऊन प्लानर (एम.टी.पी.), सीनियर टाऊन प्लानर
(एस.टी.पी.), सुपरिंटैंडिंग इंजीनियर (एस.ई.), हैल्थ आफिसर की पोस्टें खाली
पड़ी हुई हैं। लंबे समय से ये पद भरे नहीं गए। इसका असर नगर निगम के
रोजमर्रा के कार्यों पर हो रहा है। जब तक नगर निगम में
ज्वाइंट कमिश्रर रहे, वे हर हफ्ते निगम की सभी ब्रांचों की
खुद रिव्यू मीटिंग करते थे। परंतु ज्वाइंट कमिश्रर न
होने के चलते रिव्यू बैठकें ही नहीं हो पा रही हैं।
निगम की इंजीनियरिंग ब्रांच के प्रमुख सुपरिंटैंडिंग इंजीनियर (एस.ई.) की पोस्ट खाली होने के चलते इंजीनियरिंग ब्रांच की बैठकें भी नहीं हो रहीं। निगम की सबसे अहम बिल्डिंग ब्रांच की सीनियर टाऊन प्लानर व म्यूनिसिपल टाऊन प्लानर की दोनों अहम पोस्टें खाली होने से अवैध बिल्डिंगें बढ़ रही हैं। कमर्शियल नक्शे सीनियर टाऊन प्लानर ही पास कर सकता है। एस.टी.पी. न होने के चलते कमर्शियल नक्शे पास नहीं हो रहे हैं।
अफसरों की कमी के चलते नगर निगम की आमदनी बेहद कम हो गई है। नगर निगम को अपने मुलाजिमों को वेतन देने के लाले पड़े हुए हैं। आम तौर पर सरकारी कर्मचारियों को हर महीने की 1 तारीख को वेतन मिल जाता है परंतु पटियाला नगर निगम में 15 तारीख तक भी वेतन नहीं मिल पाता है। इसका कारण नगर निगम में स्टाफ कमी के कारण आमदनी बढ़ाने की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जाता।
सैक्रेटरी भी हो गए रिलीव
स्थानीय निकाय विभाग के मंत्री ने नगर निगम में सैक्रेटरी के पद पर कार्यरत अजय कुमार को रिवर्ट कर दिया है। इसके बाद उन्हें नगर निगम से रिलीव कर दिया गया है। मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की तरफ से 14 सैक्रेटरी को रिवर्ट करके सुपरिंटैंडैंट बना दिया गया था। इसके चलते पटियाला नगर निगम में सैक्रेटरी के पद पर कार्यरत अजय कुमार को रिलीव करके जालंधर नगर निगम में भेज दिया है। नगर निगम में मेयर, कमिश्नर, ज्वाइंट कमिश्रर के बाद सैक्रेटरी सबसे अहम पोस्ट होती है। अब सैक्रेटरी के रिलीव होने से नगर निगम में एक नया संकट खड़ा हो गया है। अफसरों की कमी के चलते पहले ही नगर निगम के काम पर बुरा असर पड़ रहा है जबकि अब सैक्रेटरी की पोस्ट भी खाली हो गई है।
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