पटियाला । तीन दशक पुराने रोड रेज मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक साल की सजा सुनाए जाने के करीब 10 महीने बाद कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को पटियाला जेल से रिहा किया गया।
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वहीं जेल से रिहा होने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि अभी लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है। पंजाब में राष्ट्रपति शासन लाने की साजिश की जा रही है, अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। पंजाब को कमजोर करने की कोशिश होगी तो कमजोर हो जाएंगे ।
बीते साल सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू को एक साल की सज़ा सुनाई थी। पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट के 2018 के सिद्धू को बरी करने के फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील दायर की थी।
क्या था ये मामला?
27 दिसंबर 1988 को पटियाला की एक पार्किंग में सिद्धू की 65 वर्षीय गुरनाम सिंह के साथ मारपीट हुई थी। बाद में गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी। सिद्धू पर ग़ैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज हुआ था।
निचली अदालत ने सिद्धू को बरी कर दिया था लेकिन बाद में उच्च न्यायालय ने उन्हें दोषी ठहराते हुए तीन साल की सज़ा सुनाई थी।
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