पठानकोट। पंजाब सरकार के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाने के दावे अब खोखले साबित हो रहे हैं। भारत-पाक सीमा के बमियाल सेक्टर में स्थित सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी गंभीर समस्या बन चुकी है।
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इस क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा के लिए केवल एक शिक्षक उपलब्ध है। जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में विज्ञान के पाठ्यक्रम की शुरुआत तो कर दी गई है, लेकिन विज्ञान शिक्षकों की कमी के कारण छात्रों को प्राइवेट ट्यूशन का सहारा लेना पड़ रहा है।
इसके अलावा, पंजाब सरकार द्वारा पंजाबी भाषा को बढ़ावा देने के लिए दिए गए निर्देशों के बावजूद, बमियाल के सरकारी स्कूलों में पंजाबी लेक्चरर का अभाव है। इस स्थिति के कारण हायर सेकेंडरी कक्षाओं के छात्रों को छोटी कक्षाओं के शिक्षकों से पंजाबी पढ़नी पड़ रही है।
स्थानीय निवासियों और अभिभावकों ने इस स्थिति को लेकर आक्रोश व्यक्त किया है और मांग की है कि स्कूलों में योग्य शिक्षकों की नियुक्ति की जाए ताकि छात्रों का भविष्य सुरक्षित रह सके।
इस मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी ने भी स्वीकार किया कि बॉर्डर एरिया में शिक्षकों की कमी है, लेकिन पंजाब सरकार के सामने इस समस्या का समाधान निकालने में वे बेबस नजर आ रहे हैं।
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