मोगा। पंजाब के मोगा जिले में 12वीं कक्षा की छात्रा के साथ हुई छेड़छाड़ मामले में मोगा पुलिस की लापरवाही सामने आई है, जिससे उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। पुलिस ने पहले मामले में चार आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया था, लेकिन बाद में आरोपियों को बचाने का प्रयास करते हुए, मामले को रद्द करने के लिए अदालत में कैंसलेशन रिपोर्ट दाखिल कर दी। पीड़िता के पिता द्वारा इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई, जिसके बाद कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे सीबीआई को रेफर कर दिया है।
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पीड़िता के वकील नवीन गोयल ने बताया कि 19 अप्रैल को छात्रा से छेड़छाड़ की घटना के बाद पुलिस ने चार युवकों पर मामला दर्ज किया था, लेकिन गिरफ्तारी की बजाय, पुलिस ने आरोपियों का पक्ष लेते हुए केस की जांच अपने चुने हुए अधिकारी से करवा कर मामले को समाप्त करने का प्रयास किया। 7 अक्टूबर को एएसआई बूटा सिंह ने सीजेएम कोर्ट में केस रद्द करने की कैंसलेशन रिपोर्ट दाखिल की, जबकि हाईकोर्ट ने इस मामले की स्थिति रिपोर्ट 14 अक्टूबर को पेश करने का आदेश दिया था। इस लापरवाही पर हाईकोर्ट ने मोगा पुलिस को फटकार लगाई और मामले को सीबीआई को सौंप दिया।
अब 25 नवंबर को हाईकोर्ट ने मोगा के SPH को रिकॉर्ड सहित अदालत में पेश होने के आदेश दिए हैं, और इसी तारीख को सीबीआई से भी लिखित में जवाब मांगा गया है।
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