मोगा। पंजाब के मोगा में दल खालसा द्वारा आयोजित एक बड़ी कांफ्रेंस में सिख संगत के सामने आ रही चुनौतियों और पंजाब में हो रही घटनाओं पर गंभीर चर्चा की गई। इस कार्यक्रम में पंजाब भर से हजारों लोग शामिल हुए, और प्रमुख सिख नेता जैसे सिमरनजीत सिंह मान, परमजीत सिंह मंड, और जसवीर सिंह रोड़े ने भाग लिया।
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कांफ्रेंस में सिखों के धार्मिक स्थलों की बेअदबी, नौजवानों को नशे में धकेलने की समस्या, और झूठे मामलों में सिखों को फंसाने जैसे मुद्दों पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। सिमरनजीत सिंह मान ने कहा, "पिछले कई सालों से सिख संगत को इन गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन सरकारों ने इन मुद्दों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।"
कांफ्रेंस में सुखबीर सिंह बादल पर हुए हालिया हमले को लेकर भी चर्चा हुई। इस पर सिमरनजीत सिंह मान और परमजीत सिंह मंड ने कहा, "हमारे पुराने मेंबर नारायण सिंह ने भावनाओं में आकर यह कदम उठाया। हालांकि सुखबीर सिंह बादल बच गए, लेकिन यह घटना सरकार के लिए एक चेतावनी है कि सिख समुदाय की आवाज को अनसुना न किया जाए।"
सिख नेताओं ने भाजपा और केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि सरकार को यह तय करना होगा कि वह सिख समुदाय को साथ लेकर चलना चाहती है या नहीं। परमजीत सिंह मंड ने कहा, "हम हर मसले का सामना करने को तैयार हैं, लेकिन सिखों की समस्याओं को हल किए बिना पंजाब में शांति कायम नहीं हो सकती।"
घटना की जांच कर रही पंजाब पुलिस को लेकर भी दल खालसा के नेताओं ने अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पुलिस को निष्पक्ष होकर काम करना चाहिए और सिखों को झूठे मामलों में फंसाने की प्रवृत्ति पर रोक लगानी चाहिए।
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