मोगा। यहां रेलवे स्टेशन पर किसानों ने करीब 26,000 बोरी डीएपी खाद को बरनाला भेजने से रोक लिया, जिससे खाद की सप्लाई को लेकर स्थिति तनावपूर्ण हो गई। किसानों का कहना था कि यह खाद मोगा से बरनाला भेजी जा रही थी, लेकिन उन्हें इस वितरण में बाधा डाली गई।
किसानों के मुताबिक, उन्हें दो दिन पहले सूचना मिली थी कि एक रैक में 26,000 बोरी डीएपी खाद मोगा आ रही है और इसका उद्देश्य बरनाला भेजना था। किसानों ने इस रैक को मोगा में ही रोक लिया और निगरानी शुरू कर दी। जब अधिकारियों ने इसे ट्रकों द्वारा बरनाला भेजने की कोशिश की, तो किसानों ने इसका विरोध किया। इसके बाद अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद समझौता हुआ। इस समझौते के अनुसार, 2,500 बोरी खाद बरनाला भेजी जाएगी, जबकि बाकी की 23,500 बोरी मोगा जिले के लिए रखी जाएगी। इसमें से 40 प्रतिशत खाद प्राइवेट दुकानों को दी जाएगी, जबकि 60 प्रतिशत सोसाइटियों में वितरित की जाएगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस दौरान मोगा अकाली दल के नेता राजवंत सिंह भी किसानों के समर्थन में पहुंचे और इस मुद्दे पर किसानों का साथ दिया। किसानों ने स्पष्ट किया कि वे खाद की निगरानी स्वयं करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि खाद को सही तरीके से वितरित किया जाए।
इस बारे में जब खेती और बाड़ी अधिकारी सुख राज कौर से बात की गई, तो उन्होंने टिप्पणी करने से मना कर दिया। खबर लिखे जाने तक किसान रेलवे स्टेशन पर ही मौजूद थे और खाद के वितरण की निगरानी कर रहे थे, ताकि सभी को सही तरीके से हिस्सा मिल सके।
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