मोगा। जिले के अंतर्गत आने वाले खाई गांव के रहने वाले नौजवान ने दुनियाभर में अपना नाम रोशन किया है। नवदीप सिंह के पिता गुरप्रीत सिंह सेना में सूबेदार के पद पर कार्यरत हैं। नवदीप सिंह ने कहा के वह पटियाला के थापर कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई कर रहा है। उन्हें इसरो के हैदराबाद सेंटर में बुलाया गया था।
पिछले साल चंद्रयान 3 की चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग के बाद इसरो को चंद्रयान 3 को आगे बढ़ाने में दिक्कत आ रही थी। चंद्रयान-3 को इसरो को 13 तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ रहा था। चंद्रयान को जिन परियोजनाओं की प्रगति में रुकावटें आ रही थीं, उनमें से एक को सुलझाने का जिम्मा मुझे दिया गया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
चंद्रयान जो कभी-कभी बिना किसी पत्थर से टकराए रुक जाता था या आगे किसी गड्ढे में रुक जाता था जिससे उसका काम बंद हो जाता था। मैनें गाइड मैप तैयार कर चंद्रयान-3 के लिए भेजा। इस प्रोजेक्ट से चंद्रयान-3 पर यह ट्रायल सफल रहा। मेरे किए काम की इसरो निदेशक ने सराहना की और मेरा सम्मान के लिए नाम भेजा गया। मेरी इस मेहनत के लिए मुझे भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मुरु ने सम्मानित किया।
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