मानसा। खनौरी बॉर्डर पर चल रहे संघर्ष के दौरान मानसा जिले के एक किसान, 45 वर्षीय गुरमीत सिंह, ने आत्महत्या कर ली। गुरमीत सिंह लंबे समय से इस आंदोलन में सक्रिय रूप से हिस्सा ले रहे थे, लेकिन उनकी आर्थिक तंगी और कर्ज ने उन्हें इस दुखद कदम उठाने पर मजबूर कर दिया। उनके परिवार में उनकी पत्नी और तीन बच्चे हैं, जो अब इस त्रासदी के बाद बिखर गए हैं।
जानकारी के मुताबिक, गुरमीत सिंह का परिवार पहले से ही गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा था। कर्ज के कारण उनका घर भी बिक चुका था, और वे गरीबों जैसी स्थिति में जीवन यापन कर रहे थे। संघर्ष के पहले दिन से ही गुरमीत खनौरी बॉर्डर पर किसानों के संघर्ष में सहयोग कर रहे थे, लेकिन उनकी निजी जिंदगी की कठिनाइयों ने उन्हें इस घातक निर्णय की ओर धकेल दिया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गुरमीत सिंह की आत्महत्या ने संघर्ष में शामिल अन्य किसानों और उनके परिवारों के बीच शोक और गुस्से की लहर दौड़ा दी है। किसान संगठनों ने इस घटना के बाद सरकार और प्रशासन पर सवाल उठाए हैं कि आखिर क्यों किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है, जिसके चलते वे आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं।
यह घटना न केवल गुरमीत सिंह के परिवार के लिए एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि उन हजारों किसानों के संघर्ष और दर्द का प्रतीक भी है जो कर्ज और गरीबी से जूझ रहे हैं। किसान संगठनों ने इस मामले में सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की है।
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