कपूरथला । दिल्ली स्थित एम्स में गुरुवार रात पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। पंजाब के कपूरथला में उनकी बहन का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। बड़े भाई को याद कर उनकी बहन अमरजीत कौर की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।
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पिछले कुछ समय से बीमार चल रही अमरजीत कौर ने बताया कि पूर्व पीएम के अंतिम संस्कार में परिवार के लोग जाएंगे। उन्होंने कहा कि परिवार के लिए गर्व की बात है कि वह दो बार देश के प्रधानमंत्री पद पर रहे। पीएम रहने के बावजूद उनका स्वभाव काफी सरल था। प्रधानमंत्री के भांजे ने कहा कि जब भी वह अमृतसर आते थे तो रेस्ट हाउस में ही सभी पारिवारिक सदस्यों को बुलाकर वहीं मिलते थे। चार साल पहले जब वह अमृतसर आए थे, तब उनसे मुलाकात हुई थी।
उल्लेखनीय है कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह साल 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे थे। साल 1991 में उनकी राजनीति में एंट्री तब हुई जब 21 जून को पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकार में उन्हें वित्त मंत्री बनाया गया। उस समय देश एक गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा था। पी.वी. नरसिंह राव के साथ मिलकर उन्होंने विदेशी निवेश का रास्ता साफ किया था। वित्त मंत्री रहते उन्होंने देश में आर्थिक उदारीकरण की नीतियों को लागू किया, जिससे विदेशी निवेश को बढ़ावा मिला और भारत को विश्व बाजार से जोड़ा जा सका।
वह 1991 में पहली बार असम से राज्यसभा सांसद बने थे। । उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कई सुधार किए, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर हुई।
वह 1998 से 2004 तक विपक्ष के नेता भी रहे। हालांकि, साल 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मिली जीत के बाद उन्होंने 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने यूपीए-1 और 2 में प्रधानमंत्री का पद संभाला। मनमोहन सिंह ने पहली बार 22 मई 2004 और दूसरी बार 22 मई 2009 को प्रधानमंत्री के पद की शपथ ली थी।
--आईएएनएस
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