कपूरथला। कपूरथला में मॉडर्न जेल से सरकारी हॉस्पिटल में इलाज के लिए आए UAPA के आरोपी आतंकी को भगा ले जाने के मामले में जिला पुलिस ने अहम खुलासे किये है। और आरोपिओ के आतंकी मॉड्यूल से जुड़े होने की भी पुष्टि है। इस बारे जानकारी देते हुए एसएसपी वत्सला गुप्ता ने पुलिस लाइन कपूरथला में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मिडिया को जानकारी देते कहा कि UAPA के आरोपी की देश विरोधी गतिविधिया भी रही है।
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उन्होंने बताया कि घटना के बाद खालिस्तानी संगठन KLF ने कल की घटना की जुम्मेवारी लेते हुए दावा किया है कि उनके लोगो ने कपूरथला पुलिस पर हमला किया है। KLF का यह दवा बिलकुल बे बुनियाद है। हालाँकि पूरा मामला एक टेरर मॉड्यूल का हिस्सा था, जिसे जिला पुलिस ने सूझबूझ और बहादुरी से आकर नाकाम कर दिया। एसएसपी ने जहां बहादुर पुलिस कर्मियों की पीठ थपथपाई है, वहीं इस टेरर मॉड्यूल को बेनकाब करने के लिए जांच तेज करने का दावा किया है।
बता दे कि बीते मंगलवार दोपहर कपूरथला मॉडर्न जेल से सिविल अस्पताल में उपचार करवाने आए कथित KLF के आतंकी जश्नप्रीत सिंह को छुड़वाने के लिए आए साथी अमृतपाल ने सिविल अस्पताल में फायरिंग की और जश्नप्रीत सिंह को बाइक पर भगा ले गया। हालाँकि पुलिस ने यह भी माना है कि जश्नप्रीत सिंह के फरार होने की योजना पहले से थी। पुलिस टीम को चकमा देकर जश्नप्रीत सिंह अमृतपाल की बाइक पर बैठ गया और वहां से फरार हो गए। इस घटना के बाद पीसीआर टीम के इंचार्ज चरणजीत सिंह, एएसआई मंगा सिंह, जसपाल सिंह, परमजीत सिंह, कमलजीत सिंह तथा सिक्योरिटी ब्रांच के जगदीश लाल ने उसका पीछा कर उसे सब्जी मंडी के पास घेर कर दबोच लिया। पीछा करते समय अमृतपाल सिंह ने पुलिस टीम पर भी फायर किए। पुलिस ने काबू किये आरोपिओ से एक ग्लोक पिस्टल और 10 कारतूसर भी बरामद किए है।
पुलिस और बदमाशों की झड़प की एक वीडियो भी वायरल हुई, जिसमें एक पुलिस कर्मी की पगड़ी भी उतर गई और एक पुलिस कर्मी जख्मी हो गया। एसएसपी ने बताया कि 23 वर्षीय जश्नप्रीत सिंह उर्फ जश्न वासी किला कवि संतोख सिंह पत्ती नूर की जिला तरनतारन आतंकी है। उस पर देश विरोधी गतिवधियों में सलिप्ता के चलते UAPA लगा हुआ। इसके अलावा उस पर मर्डर-हत्या के प्रयास समेत पांच केस दर्ज हैं। जबकि उसको भगाने आया 24 वर्षीय अमृतपाल सिंह उर्फ अमृत निवासी गांव बचड़े जिला तरनतारन पर हत्या का केस दर्ज हैं।
दोनों तरनतारन में एक मर्डर के केस में जेल में बंद थे। इस मामले में जेल से बैल पर बाहर आए हुए थे। जबकि जशनप्रीत सिंह पर बाकी मामलों में जेल में बंद है। SSP ने बताया कि यह टेरर मॉड्यूल हैं,
इनसे बरामद आस्ट्रिया मेड ग्लोक पिस्टल आम नहीं मिलता है। इसे पुलिस अधिकारी इस्तेमाल करते है। वहीं इस पूरे घटनाक्रम को विदेश में बैठे देश विरोधी लोगों ने रचा है। अमृतपाल को तो बस कुछ पैसों के लिए भेजा गया। जशनप्रीत सिंह को छुड़ाने के पीछे क्या मकसद है। इसके बारे में पुलिस जाँच करने में जुटी हुई है।
उन्होंने माना कि इसका पूरा नेक्सस विदेश और बार्डर पार पाकिस्तान से जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर केएलएफ की ओर से पुलिस पर हमले की जिम्मेदारी लेने की पोस्ट वायरल हो रही है। जबकि पुलिस पर हमले वाली कोई बात नहीं, बल्कि जिला पुलिस ने दलेरी से उनके नाकाम मंसूबों पर पानी फेर दिया है। एसएसपी ने कहा कि अदालत से दोनों का रिमांड हासिल किया गया है। जिसमें कई अहम खुलासे होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
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