कपूरथला। मॉडर्न जेल कपूरथला में 20 दिन में तीसरी गैंगवार की घटना ने जेल प्रशासन पर सवालिया निशान लगा दिया है। दो गुटों में हुए विवाद में पांच हवालाती गंभीर जख्मी हो गए। इनमें से तीन को सिविल अस्पताल कपूरथला और दो को जेल के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों के सिर पर गहरी चोटें आई हैं। उनका सिविल अस्पताल में उपचार किया जा रहा है।
सिविल अस्पताल में उपचाराधीन हवालाती मनजिंदर सिंह पुत्र बलबीर सिंह निवासी गांव खोजा भोगपुर जालंधर, कमलजीत सिंह पुत्र अविनाश सिंह निवासी बस्ती शेखां जालंधर ने बताया कि वे दोनों अपने साथियों, कुलविंदर सिंह, रॉकी, नेकी और पवित्र सिंह के साथ जेल के अस्पताल से दवा लेकर आ रहे थे। इस दौरान गोगा, शेखर, आरजू, दीपू, घुग्गी, राजवीर, वरुण समेत 40-50 कैदियों ने रंजिशन लोहे के पाइपों से उन पर हमला कर दिया। इसमें कुलविंदर सिंह, रॉकी, नेकी गंभीर जख्मी हो गए। रॉकी और नेकी जेल के अस्पताल में उपचारधीन हैं, जबकि पवित्र बिल्कुल ठीक है, जो कि बैरक में ही बंद है। मनजिंदर सिंह ने आरोप लगाया कि वह 4 अप्रैल को जेल में आया है। उसकी किसी से रंजिश भी नहीं है। फिर भी उस पर हमला हुआ है।
कमलजीत सिंह ने जेल के डीएसपी इकबाल सिंह धालीवाल पर आरोप लगाया कि वह 20 हजार से 40 हजार रुपए लेकर चक्की में बंद गैंगस्टरों को खोल देता है। इसके बाद गैंगस्टर जेल में उत्पात मचाते हैं। उसूलन गैंगस्टर को बिना सुरक्षा खोला ही नहीं जा सकता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि डीएसपी धालीवाल पिछले छह साल से यहीं पर तैनात है। उसकी शह पर हवालातियों पर हमला होता है। उसने कहा कि जिस समय 50 कैदी उन पर हमला कर रहे थे तो उस समय उनकी सुरक्षा में केवल चार मुलाजिम ही तैनात थे। यह सब जेल प्रशासन की मिलीभगत से हो रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पांच बजे हमलावरों के हमले के बाद घायल थे और खून बहता रहा, लेकिन जेल प्रशासन गार्ड का इंतजार करता रहा। आठ बजे गार्ड के आने के बाद उन्हें सिविल अस्पताल लाया गया है। इससे पहले 19 मार्च और 23 मार्च को भी जेल में गैंगवार हुई। उसके बाद गुरदासपुर जेल में कैदियों ने उत्पात मचाया। जेलों में कैदियों में गैंगवार का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस तरह की गैंगवार की घटनाओं का बढऩा जेल प्रशासन की लापरवाही को इंगित करता है।
डीएसपी इकबाल सिंह धालीवाल ने कहा कि उन्होंने जेल में सख्ती की है, जो कि कैदियों को गंवारा नहीं है। इसलिए वह इस तरह के आरोप लगा रहे हैं। वैसे भी वे दो दिन से छुट्टी पर हैं और उनकी अनुपस्थिति में घटना हुई है। इनके आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। एसपी जेल कुलविंदर सिंह थियाड़ा ने फिर से स्टाफ की कमी का हवाला देते हुए कहा कि 3000 कैदियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त स्टाफ नहीं है। उन्होंने डीएसपी पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि चक्की में से कैदी केवल उनकी अनुमति से ही बाहर आ सकते हैं। दोनों डीएसपी उनकी अनुमति के बिना गैंगस्टर को चक्की से बाहर नहीं ला सकते हैं।
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