इससे किसी भी घटना होने पर ड्राइवर को लोकेट करना आसान रहेगा। इसलिए जिला पुलिस ने प्राथमिकता के आधार पर यह मुहिम शुरू की है। एसएसपी संदीप शर्मा ने बताया कि थाना प्रभारियों की मार्फत डेटा हासिल करने के आदेश दिए गए हैं। स्कूल प्रबंधक खुद ड्राइवरों का डोप टेस्ट करवाकर सर्टीफिकेशन और रिपोर्ट पुलिस के पास जमा करवा दें। अगर वह ऐसा नहीं कर सकते हैं, तो पुलिस खुद सिविल सर्जन से संपर्क स्थापित करके डोप टेस्ट का प्रबंध करेगी। जिससे इस मुहिम को जल्द से जल्द मुकम्मल किया जा सके। उन्होंने नौनिहालों को घर से स्कूल और स्कूल से घर ले जाने वाले ड्राइवरों और अटेंडेंट की पृष्ठभूमि की जानकारी के लिए उनका पूर रिहायश का विवरण भी स्कूल प्रबंधकों से मांगा है। उन्होंने यह भी बताया कि अगर कहीं कोई ड्राइवर ड्रग एडिक्ट पाया गया तो उसे किसी भी हालत में स्कूल बस नहीं चलाने दी जाएगी।
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