जालंधर। लग्जरी लाइफ जीने
और वीवीआईपी नंबर रखने के शौकीन पंजाब के उद्योगपति जगजीत सिंह चाहल से
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूछा कि उनके पास करोड़ों रुपया कहां से आया
इसका स्त्रोत क्या है। चाहल मनी लाड्रिंग और सिंथेटिक ड्रग्स रैकेट मामले
में फंसे हुए हैं। ईडी ने उनकी 55 करोड़़ रुपए की संपत्ति अटैच कर रखी है।
के पास करोड़ों रुपये कहां से आया और उनका स्रोत क्या है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
करोड़ों
के सिंथेटिक ड्रग्स रैकेट में ईडी चार्जशीट करने की तैयारी कर रही है। चाहल
से पूछताछ के बाद पहले से जांच के घेरे में आए लोगों को फिर बुलाया जा
सकता है। सरकार का भी दबाव है कि इस मामले की जांच जल्द निपटाई जाए। जगदीश
भोला ड्रग रैकेट मामले में अमृतसर के मनिंदर सिह औलख उर्फ बिट्टू औलख का
नाम सामने आया था।
औलख के चाहल के साथ गहरे रिश्ते की बात सामने आने के
बाद से चहल ईडी के निशाने पर थे। पूर्व राजस्व मंत्री और पूर्व
उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के रिश्तेदार बिक्रम सिंह मजीठिया का नाम
भी ड्रग रैकेट से जुड़ा था। मजीठिया के साथ चाहल और औलख का करीबी संबंध रहा
है। पूर्व अकाली-भाजपा सरकार के समय चाहल बचता रहा, अब सत्ता परिवर्तन
होने के बाद ईडी के हत्थे चढ़ा है।
बार-बार
समन जारी होने के बाद पेश नहीं होने के कारण ईडी का शक बढ़ गया कि आखिर
चाहल पेश होने में आनाकानी क्यों कर रहे हैं। चाहल से पूछताछ के बाद उनके
साथ काम करने वाले अन्य उद्योगपतियों और उनके करीबियों पर भी ईडी की नजर
है।
परिवार की 54.59 करोड़ की संपत्ति हो चुकी है अटैच
ईडी
अब तक जगजीत सिंह चाहल, उनके भाई परमजीत सिंह चाहल व पत्नी इंद्रजीत कौर की
54.59 करोड़ की संपत्ति अटैच कर चुका है। इसके अलावा अकाली-भाजपा सरकार
में जेल मंत्री रहे सरवण सिंह फिल्लौर की 14.75 लाख, उनके बेटे दमनवीर सिंह
फिल्लौर की 4.72 करोड़ की, अकाली-भाजपा सरकार में सीपीएस रहे अविनाश चंद्र
की 55.54 लाख और अकाली नेता रहे चुन्नी लाल गाबा की अब तक 17.12 लाख की
संपत्ति अटैच कर चुका है।
वीवीआइपी नंबरों का शौकीन
राजनीतिक
लोगों के साथ संबंध रखने वाले उद्योगपति जगजीत सिंह चाहल की हिमाचल प्रदेश
के सोलन जिले के बद्दी-बरोटीवाला में सिंथेटिक पाउडर बनाने की फैक्ट्री
है। आरोप है कि यहीं पर वह पाउडर भी तैयार होता था, जो ड्रग में प्रयोग
होता था। पठानकोट के निकट डमटाल में भी एक ऐसी फैक्ट्री में चहल हिस्सेदार
बताए जा रहे हैं। चाहल की लाइफ स्टाइल पूरी तरह से वीवीआइपी कल्चर की रही
है।
उसके पास जितनी भी गाडिय़ां हैं या मोबाइल नंबर रहे हैं, सबके नंबर
वीआइपी हैं। चाहल या उनके परिवार के पास जितनी भी गाडिय़ां रही हैं, उन सभी
का नंबर 0001 ही रहा है। गाडिय़ों के अलावा चाहल के मोबाइल नंबर भी वीवीआइपी
रहे हैं, उनके या उनके परिवार के पास जो भी मोबाइल हैं, उनके पिछले पांच
अंक 00001 ही हैं।
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