जालंधर। प्रभावी, उत्तरदायी और पारदर्शी पुलिस प्रक्रियाओं को सुनिश्चित करने के लिए, पुलिस आयुक्त जालंधर श्री स्वप्न शर्मा ने गुरुवार को शहर के पुलिस स्टेशनों का औचक निरीक्षण किया। यह कार्रवाई पुलिसिंग की गुणवत्ता में सुधार लाने और जनता के प्रति जवाबदेही बढ़ाने के लिए की गई थी।
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पुलिस कमिश्नर ने थाना डिवीजन नंबर 7 और 8 का दौरा किया। इस निरीक्षण के दौरान, उन्होंने लंबित मामलों की स्थिति की गहन जांच की और संबंधित अधिकारियों को उन्हें जल्द निपटाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि मामलों के निस्तारण में किसी भी प्रकार की अनावश्यक देरी अवांछनीय है। स्वप्न शर्मा ने कहा कि पुलिस अधिकारियों की लापरवाही को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
श्री शर्मा ने लंबित मामलों के निपटारे के लिए पुलिस के लिए एक समय सीमा निर्धारित की, यह सुनिश्चित करते हुए कि सभी मामलों को उनके तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा, "पुलिस शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।"
इसके साथ ही, पुलिस कमिश्नर ने यह भी कहा कि यदि 72 घंटे के भीतर चालान चेकिंग नहीं हुई, तो एसीपी और एडीसीपी जिम्मेदार होंगे। उन्होंने चेकिंग का मकसद गलती निकालना नहीं, बल्कि लोगों की सुविधा के लिए जमीनी स्तर पर स्थिति का जायजा लेना बताया।
इस दौरान, पुलिस कमिश्नर ने मानवता के नाते स्थानीय निवासियों से यह भी पूछा कि क्या उन्हें कोई व्यक्तिगत समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनकी प्राथमिकता सिर्फ कानून व्यवस्था नहीं, बल्कि आम नागरिकों की भलाई भी है।
इस प्रकार, पुलिस कमिश्नर स्वप्न शर्मा का यह औचक निरीक्षण जालंधर में पुलिसिंग की पारदर्शिता और प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।
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