जालंधर। शिरोमणि अकाली दल (शिअद)-बहुजन समाज पार्टी (बसपा) गठबंधन ने मंगलवार को पंजाब के दो बार के विधायक सुखविंदर सिंह सुखी को 10 मई को होने वाले जालंधर संसदीय उपचुनाव के लिए संयुक्त उम्मीदवार के रूप में उम्मीदवारी की घोषणा की। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने कहा कि सुखी को जालंधर सीट से मैदान में उतारने का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है और इसे पूरे अकाली-बसपा कैडर का भारी समर्थन प्राप्त है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि सुखी न केवल अपने परोपकारी कार्यों के लिए बल्कि विधानसभा में अपने प्रदर्शन के लिए भी जाने जाते हैं। वह लोकसभा में जालंधर का प्रतिनिधित्व करने के लिए आदर्श विकल्प हैं।
बादल ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि कई पार्टियां विभाजनकारी राजनीति कर रही हैं जिससे राज्य में माहौल खराब हो गया है। अकाली-बसपा गठबंधन किसानों, दलितों, युवाओं और सरकारी कर्मचारियों के लिए न्याय के अलावा शांति और सांप्रदायिक सद्भाव के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगा।
मुख्यमंत्री भगवंत मान पर सभी मोचरें पर विफल होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति अपने सबसे निचले स्तर पर है। जबरन वसूली ने उद्योग को राज्य से बाहर स्थानांतरितकरने के लिए मजबूर किया है। कमजोर वर्गों, महिलाओं और युवाओं से किए गए सभी वादे धरे रह गए हैं।
बसपा के प्रदेश अध्यक्ष जसवीर सिंह गढ़ी ने कहा कि सुखी के परिवार ने हमेशा कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए काम किया है। उन्होंने आप सरकार पर अनुसूचित जातियों के खिलाफ भेदभाव का आरोप भी लगाया।
वहीं शिअद-बसपा उम्मीदवार सुखी ने जालंधर और पंजाब के मुद्दों को संसद में उठाने का आश्वासन दिया है। सुखी ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सिखों को अलगाववादियों के रूप में चित्रित करने का प्रयास किया जा रहा है। आप सरकार पंजाब में भय का माहौल पैदा कर रही है। उन्होंने कहा कि इससे हिंदू समुदाय भी डर रहा है।
--आईएएनएस
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