बटाला। रूसी सेना में फंसे भारतीय युवाओं को भारत वापस लाने के लिए देश के प्रधानमंत्री और रूसी प्रधानमंत्री पुतिन के बीच हुई बातचीत के बाद रूस द्वारा भारतीयों की स्वदेश वापसी की सुविधा देने का फैसला लिया गया है, जिसके बाद युवाओं के परिवारों में खुशी की लहर है।
बता दें कि रूस में चल रहे युद्ध में पहले ही चार भारतीय मारे जा चुके हैं और 10 वापस लौट आए हैं। लेकिन, अभी भी 35 से 40 भारतीय फंसे हुए हैं। भारत सभी को वापस लाने की जिद कर रहा था। क्योंकि ये युद्ध में लड़ रहे थे भारतीय। लेकिन, अब वे घर वापसी कर सकेंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गुरदासपुर के गांव देहरीवाल के रहने वाले जवान गगनदीप सिंह भी रूसी सेना में फंस गए हैं। लेकिन, अब उनकी वापसी की खबर सुनने के बाद परिवार की जान में जान आई है। परिवार में खुशी की लहर है। उनके पिता बलविंदर सिंह ने भारत सरकार को धन्यवाद दिया और कहा कि गगनदीप सिंह 24 दिसंबर को एक पर्यटक के रूप में रूस गए थे। वहां घूमने के बहाने उन्हें अपने साथ गाड़ी में ले गए। कहा गया कि या तो तुम रूसी सेना में काम करो, नहीं तो तुम्हें 10 साल की जेल होगी।
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