फरीदकोट।
पिछले 7 दिनों से लगातार अपनी मांगों को लेकर बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के
बाहर धरने पर बैठे कच्चा मुलाज़िमों में से एक प्रदर्शनकारी ने पेस्टिसाइड
दवाई पीकर अपनी जान देने की कोशिश की जिसको गंभीर हालत में फ़रीदकोट के
मेडिकल हस्पताल में भर्ती करवाया गया । ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गौरतलब है कि यह मुलाज़िम काफी
लंबे समय से संघर्ष कर रहे थे और अपनी मांगों को लेकर यूनिवर्सिटी के गेट
के बाहर धरने पर बैठे थे फिलहाल पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंच चुका है और
मामले की जांच कर रहा है । प्रदर्शनकारियों का कहना है कि 7 दिन से लगातार
धरने पर बैठे होने के बावजूद कोई भी यूनिवर्सिटी प्रशासनिक अधिकारी उनकी
खबर लेने नहीं आया।
प्रदर्शनकारी कुलदीप सिंह का कहना है कि हम
लगातार पिछले 7 दिनों से काम छोड़कर हड़ताल पर बैठे हैं और आज गुरप्रीत
सिंह नामक युवक जो पिछले 10 साल से यूनिवर्सिटी में हेल्पर के तौर पर काम
कर रहा है यह शायद घर से ही सोच कर आया था कि जान दिये बिना किसी प्रशासनिक
अधिकारी की नींद नहीं खुलेगी इसलिए आज उसने जहरीली दवाई जो अपने साथ लेकर
आया था पी ली ,जिसको हम गंभीर हालत में उठाकर अस्पताल लेकर आएं इसकी हालत
अभी भी खतरे में हैं।
वही गुरप्रीत की बहन कुलविंदर कौर ने कहा कि
उसके भाई ने आज परेशान होकर दवाई पी और अपनी जान देने की कोशिश की । उसने
कहा कि हमें कम तनख्वाह देकर ज्यादा काम करवाया जाता है और ना ही हमें
पक्का किया जा रहा है। अगर यूनिवर्सिटी हमारी मांगे नहीं मानती मेरा भाई ही
नहीं और भी लोग जान देने को तैयार हैं उसने कहा कि हमें इंसाफ चाहिए और
हमारी मांगे जल्द मानी जाए।
मौके पर पहुंचे पुलिस प्रशासन के DSP
मनतिदर सिंह ने कहा कि हम यहां मौके पर पहुंचे हैं और मामले की जांच कर
रहे हैं लड़के की हालत के बारे में उन्होंने कहा कि हम अभी पहुंचे हैं और
डॉक्टर से मिलकर ही लड़के की सही हालत के बारे में बताया जा सकता है साथ ही
में उन्होंने कहा कि अभी तक कोई भी यूनिवर्सिटी का अधिकारी नहीं पहुंचा
जिससे हमारी बात हो सके।
इस मामले में बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के वाइस
चांसलर डॉक्टर डॉक्टर राजबहादुर सिंह ने कहा कि उन्हें अभी अभी मामले के
बारे में पता चला है। हम जल्द ही सारे मामले को देखते है। उन्होंने कहा कि
हमने कई बार प्रदर्शनकारियों को बातचीत के लिए बुलाया है लेकिन वह कोई बात
सुनने को तैयार नहीं। इनको पक्का करने का सवाल है यह मामला अदालत में
विचाराधीन है इसलिए जब भी कोई फैसला आता है तो उस हिसाब से इनको भी पक्का
कर दिया जाएगा।
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