अमृतसर। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने कंगना रनौत की आगामी फिल्म इमरजेंसी पर कड़ा विरोध जताया है और इसे पंजाब में प्रतिबंधित करने की मांग की है। एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखते हुए सिख समुदाय की भावनाओं का हवाला दिया है।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एसजीपीसी के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को अमृतसर के उपायुक्त को ज्ञापन सौंपते हुए आग्रह किया कि फिल्म की रिलीज को रोका जाए। संगठन का आरोप है कि यह फिल्म सिख समुदाय को गलत तरीके से दर्शाने और बदनाम करने के इरादे से बनाई गई है।
एसजीपीसी सचिव प्रताप सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा, "यह फिल्म राजनीतिक उद्देश्य से बनाई गई है और सिखों को अपमानित करने का प्रयास है। यदि इसे 17 जनवरी 2025 को रिलीज किया गया, तो यह समुदाय में आक्रोश और गुस्सा पैदा करेगा।"
प्रतिनिधिमंडल ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो राज्य में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
क्या है मामला?
कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी भारत के राजनीतिक इतिहास के एक विवादास्पद दौर पर आधारित है। इसमें 1975 में देश में लगाए गए आपातकाल को केंद्र में रखा गया है। फिल्म में कई संवेदनशील घटनाओं को दिखाए जाने का दावा किया गया है, जिसे लेकर सिख समुदाय के बीच नाराजगी है।
अब देखना यह है कि पंजाब सरकार इस विवाद पर क्या रुख अपनाती है और फिल्म के निर्माता-निर्देशक इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।
दिल्ली के नए मुख्यमंत्री 20 फरवरी को लेंगे शपथ, रामलीला मैदान में समारोह की तैयारी जारी
'चीन पर सैम पित्रोदा का बयान, गलवान के शहीदों का अपमान' : सुधांशु त्रिवेदी
सीएम भजन लाल के चुनाव क्षेत्र सांगानेर में हजारों लोगों के रोजगार पर संकट, रंगाई-छपाई फैक्ट्रियां बंद करने के आदेश
Daily Horoscope