अमृतसर।
दमदमी टकसाल ने जून 84 से सम्बन्धित महान शहीदों की तस्वीरों और यादगारी
सामग्री की प्रदर्शनी के लिए केंद्रीय सिख अजायबघर, अमृतसर में अलग और उचित
स्थान (अलग ब्लाक) का प्रबंध किये जाने की शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक
समिति से पुरज़ोर माँग की है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
दमदमी टकसाल जत्था भिंडर मेहता के
प्रमुख संत ज्ञानी हरनाम सिंह जी ख़ालसा ने आज अमृतसर में शिरोमणी समिति के
प्रधान किरपाल सिंह बडूंगर के साथ मुलाकात करते उक्त सम्बन्धित एक माँग
पत्र सौंपा है। उन्होंने कहा कि 84 के शहीदों सम्बन्धित प्रदर्शनी के लिए
उचित ब्लाक के प्रबंध किये जाने की माँग सिख संगत की है। 84 के दौरान गुरूधामों की असमत ख़ातिर तोपों और टैंकों का दृढ़ता के
साथ मुकाबला करते ला-सानी बलिदान करने वाले संत जरनेल सिंह ख़ालसा
भिंडरांवाले, उनके सहयोगियों की यादगार होनी चाहिए।
संत हरनाम सिंह
ख़ालसा ने शिरोमणि समिति के प्रधान को कहा कि जून 84 दौरान इंद्रा गांधी
हकूमत की तरफ से देश की आज़ादी के लिए 80 प्रतिशत योगदान वाली सिख कौम के
गुरूधामों पर हमले करवा कर वसाहघात किया है जो कि यह अब सिक्ख सिमृतियों का
हिस्सा बना है। इनकी स्मृतियों से सम्बन्धित तस्वीरों, श्री अकाल तख़्त
साहब, श्री दरबार साहब और दर्शन ड्युड़ी पर लगीं गोलियों के निशान और फ़ौज
की तरफ से गई ज्यादतियों को प्रदर्शित करने के लिए उचित ब्लाक का प्रबंध
किया जाना समय की ज़रूरत है।
इस मौके शिरोमणी समिति के प्रधान
बडूंगर ने कहा कि शिरोमणी समिति कौम के काम के लिए सदा समर्पित
है। उन्होंने दमदमी टकसाल की पंथप्रसती, कौम प्रति शानदार और प्रचार के
द्वारा बड़ी देन की सिफ़्त करते टकसाल को मर्यादा समेत ओर पंथक मुद्दों
प्रति आगे हो कर कौम को नेतृत्व देने की भी अपील की। बडूंगर ने टकसाल
को श्री दरबार साहब पर हमले दौरान गोलियाँ आदि के निशानों को
सुरक्षित करन के लिए काम शुरू करने को कहा। उन्होंने 84 की यादगार में
अधूरे पड़े कार्य को करन के लिए दमदमी टकसाल को पूरा सहयोग देने के लिए
शिरोमणी समिति के दफ़्तरी अमले को भी मौके पर हिदायत की। उन्होंने समूह
पंथक जत्थेबंदियाँ को एकजुट हो कर धर्म प्रचार मुहिम चलाने का सदा दिया है।
इस मौके सिंह साहब भाई जसबीर सिंह , स. मनजीत सिंह, भाई
अजायब सिंह अभ्यासी, जनरल सचिव अमरजीत सिंह चावला, गुरचरन सिंह ग्रेवाल,
चीफ़ सचिव स:हरचरन सिंह, भाई रजिन्दर सिंह मेहता, संत बाबा बलबीर सिंह,
परमजीत सिंह राणा दिली, संत चरनजीत सिंह जस्सोवाल, भाई राम सिंह, सचिव , सुखदेव सिंह सरचांद सिंह और बहुत सी दमदमी टकसाल के
सिंह मौजूद थे।
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