अमृतसर। जीएसटी के विरोध में कई दिनों से धरने-प्रदर्शन कर रहे टेक्सटाइल और कपड़ा व्यापारी की 32 एसोसिएशन ने आज हालगेट के बाहर महारैली कर विरोध जताया और पुतला फूंककर जीएसटी के विरोध में नारेबाजी की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस मौके फैडरेशन ऑफ टेक्सटाइल ट्रेडर्स अमृतसर के प्रधान जतिंदर सिंह भाटिया ने कहा कि जब तक जीएसटी वापस नहीं होता विरोध जारी रहेगा। व्यापारियों को जीएसटी देने में कोई एतराज नहीं है, लेकिन इसे लागू करने का तरीका सरकार का सही नहीं है। सरकार टेक्सटाइल से जीएसटी की जितनी उम्मीद लगाए बैठी है, उतना टैक्स शुरुआती दौर में धागे पर लगा दे तो किसी को आपत्ति नहीं।
उन्होंने पंजाब सरकार से अपील की कि वह कारोबारियों का हक दिलवाने के लिए केंद्र सरकार से बात करे, उन्होंने कहा, कि प्रोसेसिंग के बाद शॉल की रंगाई, छपाई, कढ़ाई, धुलाई, क्लीयरिंग, फिनी¨शग, पैकिंग व अन्य कई चरण हैं, लेकिन अब इस कार्य को बाहर से करवाने पर जीएसटी लगाना व्यापारियों के लिए परेशानी बना है। पंजाब सरकार ने वैट प्रावधान के तहत शॉल व्यापारियों की के मांग पर 2005 में माफ कर दिया था। अब जीएसटी के प्रावधान में शॉल पर भी 18 प्रतिशत बोझ डालना इस रोजगार को बर्बादी की तरफ धकेलने के बराबर है
अमृतसर कपड़ा मार्किट के जनरल सेक्ट्रीय दीपक राय मेहरा ने व्यापारियों बारे जानकारी देते हुए बताया, कि शॉल, स्टाल व लोई बनाने के लिए व्यापारियों को कई चरणों के जरिए बाहर से जॉब वर्क करवाना पड़ता है। अब जॉब वर्क पर भी जीएसटी 18 प्रतिशत लगाने से इस जॉब वर्क में जुड़े कई ग्रामीण क्षेत्र के लोग बेरोजगार हो सकते हैं। शॉल, स्टाल, लोई का अधिकतर व्यापार अमृतसर व लुधियाना में है। जहां से पूरे देश में यह सामान भेजा जाता है
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