भुवनेश्वर/नई दिल्ली। ओडिशा में अवैध खनन में शामिल कंपनियों को एक बड़ा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राज्य में आवश्यक मंजूरी के बिना खनन करने वाले खनन पट्टाधारकों पर 100 फीसदी जुर्माना लगाया है। न्यायामूर्ति मदन बी.लोकुर व न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की दो सदस्यीय पीठ ने कंपनियों से बकाया राशि को 31 दिसंबर या उससे पहले जमा करने को कहा है। राज्य सरकार ने अवैध खनन के लिए 2000 से 2010 में खदानों पर 60,000 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त की गई केंद्रीय आधिकार प्राप्त समिति ने सिफारिश की है कि राष्ट्रीय मूल्य का करीब 30 फीसदी खनन कंपनियों से वसूल किया जा सकता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, सभी खनन पट्टाधारकों को बकाया धनराशि को 31 दिसंबर, 2017 या उससे पहले जमा किया जाना चाहिए। वैधानिक जरूरतों के अनुपालन व मुआवजे व दूसरे बकाये के पूर्ण भुगतान के बाद खनन पट्टाधारक खनन फिर शुरू कर सकते हैं। उन्होंने कहा, वर्तमान में हम जांच या केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच के निर्देश का प्रस्ताव नहीं दे रहे हैं, क्योंकि यह तात्कालिक चिंता का विषय है कि अतीत से सबक सीखा जाए जिससे कि लापरवाही से देश के दूसरे हिस्सों में अवैध खनन कार्य को दोहराया नहीं जा सके।
सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 पैरोल पर रिहा हुए सभी कैदियों को 15 दिनों के भीतर सरेंडर करने का आदेश दिया
गुरुग्राम में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, 12 लोग गिरफ्तार
केंद्र ने तीन राज्यों में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की
Daily Horoscope