भुवनेश्वर। बीजू जनता दल (बीजद) के गढ़ माने जाने वाले ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जहां अपनी जड़ें मजबूत करने में जुटी हुई है, वहीं ऐसा लग रहा है कि पार्टी के अंदरूनी सत्ता समीकरण भी बदल रहे हैं। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान अभी तक इस तटीय राज्य में भाजपा का मुख्यमंत्री चेहरा माने जाते रहे हैं। लेकिन, अब ऐसा लग रहा है कि पार्टी अपना रुख बदल रही है और पूर्व आईएएस अफसर अपराजिता सारंगी को अपने प्रमुख चेहरे के तौर पर पेश कर रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ओडिशा की राजधानी में बड़े-बड़े होर्डिंग लगे हुए हैं जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यहां से पार्टी प्रत्याशी अपराजिता सारंगी की तस्वीरें हैं लेकिन इनमें धर्मेद्र प्रधान नजर नहीं आ रहे हैं। हालांकि पार्टी, प्रधान के नेतृत्व में एकजुट टीम के रूप में खुद को पेश कर रही है लेकिन सारंगी की हैसियत इससे अलग लग रही है। बिहार में जन्मी 1994 बैच की ओडिशा कैडर की आईएएस सांरगी ने बीते साल स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली और नवंबर में भाजपा में शामिल हो गईं।
वह केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव (मनरेगा) के पद पर थीं। अपराजिता की शादी ओडिशा कैडर के आईएएस अफसर संतोष सारंगी से हुई है। वह अभी सेवा में हैं और केंद्र में नियुक्त हैं। अपराजिता ओडिशा में कई पदों पर काम कर चुकी हैं। इनमें भुवनेश्वर नगर निगम आयुक्त, खुर्दा जिला कलेक्टर और ओडिशा सरकार में स्कूल एवं जनशिक्षा व पंचायती राज सचिव के पद शामिल हैं। परोक्ष रूप से सत्ता समीकरण में हो रहे बदलाव की एक वजह यह समझी जा रही है कि भाजपा लोकसभा चुनाव में बहुमत नहीं पाने की स्थिति में नवीन पटनायक की बीजू जनता दल से गठबंधन की तरफ देख रही है।
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