भुवनेश्वर । ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शनिवार को यहां जनता मैदान में पहले विश्व ओड़िया भाषा सम्मेलन का उद्घाटन किया।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री ने पहले विश्व ओड़िया भाषा सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान कहा, ओड़िया भाषा ओड़िशा के लोगों की पहचान है। पूरा ओड़िशा अपनी भाषा के लिए एकजुट है। देश के अन्य हिस्सों और दुनियाभर में उड़िया लोग भी सम्मेलन में ऑनलाइन शामिल हुए हैं। हमारे साथ प्रतिष्ठित लेखक एवं शोधकर्ता उपस्थित हैं। मैं उन सभी का सम्मेलन में स्वागत करता हूं।
मुख्यमंत्री ने 15वीं सदी की कवयित्री सरला दास को भी सम्मान दिया, जिन्हें ओड़िया साहित्य की पहली कवयित्री माना जाता है।
मुख्यमंत्री ने उन लेखकों और कवियों के योगदान को भी याद किया, जिन्होंने अपने कालजयी कार्यों से ओड़िया भाषा को समृद्ध किया।
उन्होंने कहा कि ओड़िया एक शास्त्रीय भाषा है, जो नित नए शब्दों के जुड़ने से समृद्ध हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ओड़िया एक शास्त्रीय भाषा है, जिसका एक समृद्ध इतिहास है। इस भाषा में नित नए शब्द जुड़ते जा रहे हैं। भाषा पर नई संस्कृति और तकनीकी ज्ञान के प्रभाव, उड़िया में गुणवत्तापूर्ण साहित्य के निर्माण पर भी चर्चा की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि ओड़िया भाषा के अधिक से अधिक प्रयोग पर भी चर्चा होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा, हमें अपनी भाषा का भाषाई इतिहास जानना चाहिए। हमें वर्तमान का अवलोकन करना चाहिए और भविष्य के लिए रास्ता बनाना चाहिए।”
भाषा को भविष्य बताते हुए पटनायक ने कहा कि ओड़िया भाषा की पढ़ाई के लिए ओड़िया भाषा विश्वविद्यालय खोला गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि हमें ओड़िया भाषा की बेहतरी के लिए मिलकर काम करने दें। इस सम्मेलन में जो भी प्रस्ताव पारित होने जा रहा है, सरकार उसे अपनाएगी और एक मजबूत और विशेष भाषा नीति लागू करेगी।
--आईएएनएस
सर्जिकल स्ट्राइक जैसे कदम सरदार पटेल की आत्मा को संतोष प्रदान करते हैं : अमित शाह
पूरे देश के लिए मुफ्ती परिवार बीमारी, हिंदुत्व पर टिप्पणी करने से बचें : अजय आलोक
मैं डंके की चोट पर कहती हूं कि 'हिंदुत्व' एक बीमारी है : इल्तिजा मुफ्ती
Daily Horoscope