कार्तिक का कहना है कि मोरोदा पुलिस ने उनके खिलाफ फर्जी FIR दर्ज कर ली और उन्हें 2009 में 18 दिनों के लिए जेल में बंद करवा दिया। फर्जी केस के चक्कर में उन्हें अपने बुजुर्ग माता पिता को अकेला छोड़ना पड़ा था। अब उसकी कोर्ट में पेशी है तो वह किसी भी हालत में उन्हें अकेला नहीं छोड़ा जा सकता है। आर्थिक तंगी के चलते वह किसी वाहन से इन्हें वहां लेकर नहीं जा सकता इसलिए उसने कुछ ऐसा तरीका अपनाया। उसने लकड़ी की एक कावड़ तैयार की और उसमें अपने माता-पिता को बैठाकर कंधे पर उठाया और कोर्ट की राह निकल पड़ा। जब कार्तिक सड़क से इस तरह निकला तो उन्हें देखने वाले लोगों का जमावड़ा हो गया। ये भी पढ़ें - बाबा का चमत्कार या लोगों का अंधविश्वास!
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