शिलांग । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
(आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि भारत में रहने वाले सभी
लोग पहचान के मामले में हिंदू हैं। आगे भागवत ने कहा कि, हिंदू धर्म कोई
धर्म नहीं बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है।
शिलांग में एक सभा को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख ने कहा कि सभी हिंदू
हैं क्योंकि सभी भारतीय हिंदुस्तान के निवासी हैं। दो दिवसीय यात्रा पर
शनिवार को शिलांग पहुंचे भागवत ने कहा, इस क्षेत्र के निवासियों को
पारंपरिक रूप से हिंदू कहा जाता है। इसे भारत भी कहा जाता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने
कहा कि इस्लाम फैलाने वाले मुगलों और ईसाई धर्म को फैलाने वाले ब्रिटिश
शासकों से पहले भी हिंदू अस्तित्व में थे। आरएसएस की विचारधारा पर प्रकाश
डालते हुए भागवत ने कहा कि 'हिंदू' शब्द में वे सभी शामिल हैं जो 'भारत
माता' के पुत्र हैं, भारतीय पूर्वजों के वंशज हैं और जो भारतीय संस्कृति के
अनुसार रहते हैं।
धर्म परिवर्तन के डर से इनकार करते हुए आरएसएस
प्रमुख ने कहा कि हिंदू बनने के लिए किसी को बदलने की जरूरत नहीं है
क्योंकि यहां हर कोई हिंदू है। भारत एक पश्चिमी अवधारणा वाला देश नहीं है।
यह अनादि काल से एक सांस्कृतिक देश रहा है, वास्तव में, यह एक ऐसा देश है,
जिसने दुनिया को मानवता का पाठ पढ़ाया है।
शनिवार से वह कई
कार्यक्रमों में शामिल हुए हैं, जिसमें राज्य भर में आरएसएस के
पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बैठक शामिल है। आरएसएस की मेघालय इकाई
द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में कई भाजपा नेता, हिंदू संगठनों के सदस्य
मौजूद रहे। भागवत का मेघालय का दौरा महत्वपूर्ण है क्योंकि मेघालय में अगले
साल फरवरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। भागवत के दौरे को देखते हुए राज्य
में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए।
--आईएएनएस
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