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मणिपुर जनजातीय निकाय जनजातीय निवास क्षेत्रों पर शासन करने के लिए जल्द ही स्वशासन स्थापित करेगा

Manipur tribal body to soon establish self-governance to rule tribal habitations - Imphal News in Hindi

इंफाल। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में आदिवासियों की शीर्ष संस्था इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने बुधवार को एक विशाल रैली के बाद आदिवासी बहुल इलाकों पर शासन करने के लिए जल्द ही एक 'स्वशासन' स्थापित करने की घोषणा की। आईटीएलएफ सचिव मुआन टोम्बिंग ने कहा कि मणिपुर में जातीय हिंसा जारी रहने के छह महीने से अधिक समय बीत चुका है और आदिवासियों के लिए 'अलग प्रशासन' (अलग राज्य के बराबर) की उनकी मांग पर कुछ नहीं किया गया है। टोम्बिंग ने चुराचांदपुर में मीडिया को बताया, “चूंकि हमारी आवाज़ नहीं सुनी जाती है, बस कुछ हफ़्ते के भीतर हम अपनी स्वशासन स्थापित कर लेंगे, चाहे केंद्र इसे मान्यता दे या न दे, हम आगे बढ़ेंगे। हमारी प्रस्तावित 'स्वशासन' कुकी-ज़ो आदिवासी क्षेत्रों में सभी मामलों को देखेगी।''
आईटीएलएफ नेता ने कहा कि सात भाजपा विधायकों सहित 10 आदिवासी विधायक, विभिन्न नागरिक समाज समूह और अन्य सभी आदिवासी आधारित संगठन मणिपुर से पूरी तरह अलग होने की मांग कर रहे हैं।
महिलाओं और युवाओं सहित हजारों लोगों ने बुधवार को आदिवासी बहुल जिलों और जातीय दंगे से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में से एक चुराचांदपुर जिले में एक विशाल रैली का आयोजन किया।
आईटीएलएफ के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता गिन्ज़ा वुएलज़ोंग ने कहा कि मणिपुर सरकार पर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व वाले मैतेई नेताओं का वर्चस्व है और वे इसे चला रहे हैं, लेकिन एनआईए और सीबीआई सहित केंद्रीय एजेंसियों ने कोकी-ज़ोमी आदिवासियों से संबंधित क्रूर मामलों को नहीं उठाया है।
वुएलज़ोंग ने 20 गंभीर क्रूर मामलों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एनआईए और सीबीआई ने आरोपों की जांच के लिए चुनिंदा मामलों पर विचार किया।
आईटीएलएफ प्रवक्ता ने कहा, “बुधवार की रैली भीड़ द्वारा निर्दोष कुकी-ज़ो नागरिकों की बर्बर तरीके से हत्या करने और बहुसंख्यक मैतेई समुदाय को खुश करने के लिए मणिपुर पुलिस और सीबीआई और एनआईए जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा मामलों को मनमाने ढंग से चुनने के विरोध में आयोजित की गई थी।“
मेगा रैली के बाद आईटीएलएफ ने चुराचांदपुर के उपायुक्त धरुण कुमार के माध्यम से गृह मंत्री अमित शाह को एक ज्ञापन भेजा, जिसमें मणिपुर संकट के तत्काल समाधान और उनकी मांगों को हल करने की मांग की गई।
आईटीएलएफ ज्ञापन में कहा गया है, “हम दो समुदायों के बीच चल रहे जातीय संघर्ष को समानता, पूर्वाग्रह रहित और समान रूप से संभालने का आग्रह करते हैं और आईटीएलएफ द्वारा उजागर किए गए मामलों की जांच के लिए सीबीआई की सिफारिश करते हैं और आपसे अपील करते हैं कि कुकी-ज़ो आदिवासी आबादी की दुर्दशा और समस्याओं को स्पष्ट रूप से समझें।“
मानवाधिकार के लिए कुकी महिला संगठन ने मणिपुर के सीमावर्ती शहर मोरेह में निर्दोष नागरिकों पर मणिपुर पुलिस कमांडो के कथित अत्याचारों पर गहरी चिंता जताई।
केडब्‍ल्‍यूओएचआर के अध्यक्ष नगैनेइकिम हाओकिप ने कहा कि संगठन मेइतेई पुलिस कमांडो द्वारा मोरेह से गिरफ्तार सात नागरिकों की लगातार यातना से बहुत परेशान है।
--आईएएनएस

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Web Title-Manipur tribal body to soon establish self-governance to rule tribal habitations
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