इंफाल। मणिपुर में हालात एक बार फिर तनावपूर्ण हो गए हैं। रविवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मैतेई संगठन अरामबाई तेंगगोल के एक प्रमुख सदस्य कानन सिंह को इंफाल एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद कानन सिंह को गुवाहाटी ले जाया गया है जहां उन्हें पुलिस रिमांड के लिए अदालत में पेश किया जाएगा।
CBI ने एक आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि, "गिरफ्तार किया गया व्यक्ति 2023 में मणिपुर में हुई जातीय हिंसा से जुड़ी विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त था।" सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार मणिपुर हिंसा से जुड़े मामलों की जांच फिलहाल सीबीआई कर रही है और इन मामलों की सुनवाई मणिपुर से गुवाहाटी स्थानांतरित कर दी गई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गिरफ्तारी के बाद भड़का विरोध, इंटरनेट सेवाएं बंद
कानन सिंह की गिरफ्तारी के बाद मैतेई बहुल इलाकों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। खासकर इंफाल घाटी और आसपास के जिलों में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर टायर जलाकर रास्ता जाम कर दिया है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए गृह विभाग ने इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, काकचिंग और विष्णुपुर जिलों में पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी हैं। साथ ही शनिवार रात 11 बजे से विष्णुपुर जिले में पूर्ण कर्फ्यू लागू कर दिया गया है।
CBI ने क्यों की गिरफ्तारी?
CBI के अनुसार, कानन सिंह मणिपुर हिंसा से संबंधित एक गंभीर मामले में शामिल थे। यह हिंसा 2023 में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हुई थी, जिसमें कई लोगों की जान गई और हजारों विस्थापित हुए।
गौरतलब है कि अरामबाई तेंगगोल मैतेई समुदाय का एक प्रभावशाली संगठन है, जिसे कई बार हिंसक घटनाओं में लिप्त होने के आरोपों का सामना करना पड़ा है। कानन सिंह को संगठन में एक प्रमुख रणनीतिक और नेतृत्वकारी भूमिका में माना जाता है।
राजनीतिक हलचल भी तेज
इस घटनाक्रम के बाद रविवार को 25 विधायकों और एक सांसद का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने कानन सिंह सहित हिरासत में लिए गए सभी लोगों की रिहाई की मांग की।
भाजपा विधायक के. इबोम्चा ने कहा, "हमने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि हिरासत में लिए गए लोगों की निष्पक्ष जांच की जाए और जो निर्दोष हैं, उन्हें जल्द रिहा किया जाए।"
हालांकि राजभवन की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि, "राज्यपाल ने प्रतिनिधिमंडल की बात सुनी और राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को सामान्य बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करने का आश्वासन दिया।"
पृष्ठभूमि : मणिपुर में जातीय हिंसा और जांच प्रक्रिया
2023 में मणिपुर में भड़की जातीय हिंसा ने राज्य को हिला कर रख दिया था। इस हिंसा में सैकड़ों जानें गईं और हजारों लोगों को राहत शिविरों में रहना पड़ा। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार को फटकार लगाते हुए CBI और अन्य केंद्रीय एजेंसियों को जांच का जिम्मा सौंपा।
अब तक CBI ने इस मामले में कई गिरफ्तारियां की हैं, लेकिन कानन सिंह की गिरफ्तारी को एक बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है।
फिलहाल हालात तनावपूर्ण
गिरफ्तारी के विरोध में अरामबाई तेंगगोल समर्थकों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शनों के चलते इंफाल और आसपास के जिलों में शांति व्यवस्था बनाए रखना बड़ी चुनौती बन गया है।
प्रशासन ने लोगों से संयम बरतने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। साथ ही कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों को अलर्ट पर रखा गया है।
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