इंफाल । मणिपुर के नोनी जिले में एक
रेलवे निर्माण स्थल पर गुरुवार को हुए विनाशकारी भूस्खलन में मरने वालों की
संख्या बढ़कर 42 हो गई, जिसमें 27 प्रादेशिक सेना के जवान शामिल हैं।
रविवार को आठ और शव बरामद किए गए, जबकि प्रतिकूल मौसम के बीच तलाशी अभियान
जारी था।
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नवीनतम मृतकों में दो साल के एक बच्चा भी शामिल है।
केंद्रीय
शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने मणिपुर के सांसद महाराजा सनजाओबा
लीशेम्बा और राजू बिस्ता के साथ भूस्खलन क्षेत्रों का दौरा किया और बचाव
अभियान की समीक्षा की।
इस बीच, मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और जिला
अधिकारियों ने यह भी कहा कि रविवार तड़के उसी जिले में एक और भीषण भूस्खलन
ने सिबिलोंग को तबाह कर दिया।
आधिकारिक रिपोटरें में कहा गया है कि
पश्चिमी मणिपुर के तुपुल में शनिवार की रात लगातार बारिश के कारण भूस्खलन
हुआ, जहां गुरुवार की विनाशकारी भूस्खलन के बाद प्रादेशिक सेना के जवानों
सहित लगभग 80 लोग जिंदा दफन हो गए।
मुख्यमंत्री ने रविवार को सेना
के अस्पताल का भी दौरा किया और तुपुल भूस्खलन में घायल जवानों के साथ कुछ
समय बिताया। उन्होंने प्रत्येक जवान को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने
की घोषणा की और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
लगातार भारी बारिश और भूस्खलन के कारण, राष्ट्रीय राजमार्ग 37 पर नुंगडोलन, नुंगकाओ और सिबिलोंग में कई सड़क अवरोध हुए।
बीरेन
सिंह ने कहा कि संबंधित अधिकारियों को सड़क साफ करने के लिए सूचित कर दिया
गया है, लोगों से ध्यान रखने और एनएच 37 से फिलहाल बचने का आग्रह किया।
रक्षा
प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल अंगोम बोबिन सिंह ने कहा कि अत्यधिक खराब मौसम
के बावजूद, भारतीय सेना, असम राइफल्स, प्रादेशिक सेना, राष्ट्रीय और राज्य
आपदा प्रतिक्रिया बलों द्वारा टुपुल में घटना स्थल पर गहन तलाशी अभियान
जारी है।
--आईएएनएस
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