नई दिल्ली। मणिपुर की नागरिक अधिकार कार्यकर्ता ‘आयर लेडी’ इरोम शर्मिला ने लंबे समय से अपने मित्र रहे ब्रिटिश नागरिक डेसमंड कॉटिन्हो से गुरुवार सुबह सब-रजिस्ट्रार के कार्यालय में विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह कर लिया। सब-रजिस्ट्रार राधाकृष्णन की उपस्थिति में विवाह सम्पन्न हुआ। डेसमंड कॉटिन्हो ने शर्मिला को अंगूठी पहनाई। यह एक बेहद सादा समारोह था। रोइम ने अपनी शादी के लिए अपने किसी भी करीबी को न्योता नहीं दिया था और इस शादी में दोनों के परिवार से कोई भी सदस्य शामिल नहीं हुआ। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आपको बता दें कि करीब दो महीने तक चली कानूनी प्रक्रिया के बाद इरोम और डेसमंड की शादी हुई है। इससे पहले युगल ने हिंदू विवाह अधिनियम के तहत विवाह किया था। अंतर-धार्मिक विवाह होने के कारण सब-रजिस्ट्रार ने उन्हें विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह पंजीकरण कराने के लिए कहा था। विवाह को लेकर वी महेंद्रन नामक एक स्थानीय कार्यकर्ता ने आपत्ति दर्ज कराई थी। याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि दंपत्ति के पर्वतीय क्षेत्र में रहने से इलाके के आदिवासियों को कानूनी एवं अन्य तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। बहरहाल, सब-रजिस्ट्रार ने इस आपत्ति को खारिज करते हुए डेसमंड कॉटिन्हो के साथ शर्मिला के विवाह का रास्ता साफ कर दिया।
आपको बता दें कि 44 साल की यह कार्यकर्ता तब सुर्खियों में आ गईं थी जब उन्होंने मणिपुर में सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून 1958 को हटाने की मांग को लेकर 4 नवम्बर 2000 से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की थी। इरोम ने 16 साल तक चला अनशन अगस्त 2016 में तोड़ा था और राजनीति में आने का फैसला किया था।
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