पुणे। पुणे की एक महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सामूहिक दुष्कर्म के बाद की
गई हत्या के मामले में मंगलवार को तीन प्रमुख आरोपियों को मौत की सजा सुनाई
गई है। एक त्वरित अदालत ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर नयना पाठक-पुजारी के साथ
अक्टूबर, 2009 में सामूहिक दुष्कर्म करने और उसके बाद उनकी हत्या करने वाले
तीनों अपराधियों योगेश राऊत, महेश ठाकुर और विश्वास कदम को मौत की सजा
सुनाई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस मामले में सुबह से अदालत में बहस चल रही थी। दोषियों की तरफ से दया की
दलील दी गई थी, लेकिन अदालत ने कहा कि इनके अपराध क्षमा के लायक नही हैं।
जिस क्रूरता से दोषियों ने वारदात को अंजाम दिया था वो रेयरेस्ट ऑफ दी रेयर
कैटेगरी में आता है, इसलिए तीनों मौत की सजा के हकदार हैं।
ये है पूरा मामला...
नयना पुजारी गैंगरेप मामले में सात साल बाद आए फैसले में पुणे की अदालत ने
सोमवार को तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया था। पुणे की एक आईटी कंपनी में
सॉफ्टवेयर इंजीनियर नयना पुजारी को 8 अगस्त 2009 को अगवा कर बलात्कार किया
गया, बाद में हत्या कर दी गई थी। मामले में 4 आरोपी गिरफ्तार किए गए थे,
जिनमें से एक बाद में सरकारी गवाह बन गया।
पुलिस के मुताबिक सॉफ्टवेयर इंजीनियर नयना पुजारी 8 अगस्त 2009 को दफ्तर से
घर जाने के लिए खरडी में बस स्टॉप पर खडी थी कि योगेश राउत नाम के शख्स ने
अपनी इंडिका कार से घर की तरफ छोडने का लालच दिया। योगेश ने नयना को बताया
था कि वो उसी तरफ जा रहा है, इसलिए घर तक छोड देगा लेकिन वो नयना को जंगल
मे निर्जन स्थान पर ले गया और अपने दोस्तों को बुला लिया। बाद में आरोपियों
ने नयना के साथ सामूहिक बलात्कार किया फिर ओढनी से उसका गला घोंटकर हत्या
कर दी। शव पहचान में न आने पाए, इसके लिए हत्यारों ने उसके चेहरे को
पत्थरों से कुचल डाला।
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