नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में नामजद पांचों आरोपियों को बुधवार को कोई राहत नहीं दी और आरोपपत्र दायर करने के लिए और 90 दिनों का अतिरिक्त समय देने के बम्बई उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द कर दिया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पांचों आरोपी एक्टिविस्ट - सुरेंद्र, गाडलिंग, सुधीर धावले, महेश राउत, रोमा विल्सन और सोमा सेन को डिफॉल्ट का लाभ नहीं मिल पाएगा क्योंकि शीर्ष अदालत ने कहा कि उन्हें अब नियमित जमानत के लिए आवेदन करना होगा।
गैरकानूनी रोकथाम गतिविधि अधिनियम के तहत एक ट्रायल कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस को चार्जशीट दाखिल करने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता के तहत 90 दिनों की समय सीमा से परे और 90 दिनों का अतिरिक्त समय दिया था।
एक जनवरी, 2018 को महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव गांव में जातिगत हिंसा को भडक़ाने में कथित भूमिका के लिए कार्यकर्ताओं को अगस्त 2018 में विभिन्न स्थानों से गिरफ्तार किया गया था।
(आईएएनएस)
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