नासिक। देश के कई राज्यों में कैश संकट के कारण लोग एक बार फिर एटीएम के बाहर लाइन में खड़े है। कैश की किल्लत दूर करने के लिए केंद्र सरकार और आरबीआई जुडी हुई है। कैश संकट के पीछे अलग-अलग वजह बताई जा रही है। जहां कोई अचानक बढ़ी कैश की डिमांड को इसका कारण बता रहा है तो कोई फैस्टीवल सीजन को लेकिन महाराष्ट्र के करंसी प्रिंटिग प्रेस से एक अलग ही खबर आ रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
महाराष्ट्र के एक श्रमिक नेता का कहना है कि नासिक स्थित करंसी प्रिंटिंग प्रेस में नोटों की छपाई वाली स्याही खत्म हो गई है। जिसके कारण 200 और 500 रुपये की नई नोटों की छपाई को रोकना पड़ा। श्रमिक नेता का दावा है कि नोटों की छपाई रुकने के कारण भी देश में करंसी क्रंच की समस्या आ रही है।
इस बारे में छापाखाना कामगार परिसंघ के अध्यक्ष जगदीश गोडसे ने यह जानकारी दी। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा-नोटों की छपाई में आयातित स्याही का इस्तेमाल होता है जो अभी उपलब्ध नहीं है। जगदीश गोडसे के इस बयान के बाद आरबीआई की तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया गया है। गोडसे का बयान ऐसे वक्त में आया है जब सरकार ने कैश क्रंच से निजात पाने के लिए 500 रुपये के नोटों की छपाई पांच गुना बढाने का आदेश दिया है ताकि अगले महीने 75 हजार करोड रुपए के नए नोटों की आपूर्ति की जा सके।
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