नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गुरुवार को विजयादशमी उत्सव मनाया गया है। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी भी शामिल हुए । संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शस्त्रों का पूजन कार्यक्रम का विधिवत प्रारंभ किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कार्यक्रम में मोहन भागवत ने अपने देश को स्वावलम्बन बनाने के लिए प्रेरित किया। अपने शत्रुओं से बचने के लिए स्वालम्बन बनना पडेगा। अपनी सुरक्षा पर अधिक निर्भर रहना चाहिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। हम बलवान होंगे तब शांति होगी। भारत शीघ्र ही विश्व गुरु बनेगा। भागवत ने कहा कि योजनाओं का समय पर लागू होना चाहिए। समय पर लागू करने के लिए शासन-प्रशासन पूरी मदद करनी चाहिए । उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एसी-एसटी के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति लेट मिलती है। यदि उनको आवश्यकता के दौरान मिल जाए तो उनके सही काम आ सके । इससे विद्यार्थी अच्छी तरीके से पढ़ सके। एससी-एसटी वर्ग से आने वाले समाज के वंचित समूह, प्रताड़ित लोगों को मजबूत करने की जरूरत है।
भागवत ने एससी-एसटटी ऐक्ट पर पैदा हुए हालिया गतिरोध का भी
जिक्र किया। मोदी सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि समाज
में फैल रहे असंतोष का हल करना होगा, दबे लोगों को उनका हक देना होगा।
उन्होंने कहा कि भारत लोकतांत्रिक देश है। इसमें सभी को अपनी बात रखने और आन्दोलन करने का हक है। कुछ आन्दोलन पर हमारा ध्यान गया जिसमें यह नारे लगाए गए कि भारत तेरे टुकडे होंगे और बंदूक के बल पर क्रांति करने की बात कर रहे थे।
भागवत ने कहा कि हम साधु -महात्माओं के साथ हैं। राम हमारे आदर्श पुरुष हैं। उनका स्मारक के रूप में राममंदिर बनना ही चाहिए। सरकार बिना किसी विवाद के एक कानून बनकार राम मंदिर बनाना ही चाहिए।
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