बेंगलुरू। वैश्विक सॉफ्टवेयर दिग्गज इंफोसिस के बोर्ड ने शुक्रवार को कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक विशाल सिक्का के इस्तीफे के लिए कंपनी के संस्थापक एन. आर. नारायणमूर्ति को जिम्मेदार ठहराया है। इंफोसिस ने सिक्का का इस्तीफा स्वीकार करने तथा नए मुख्य कार्यकारी की 2018 के 31 मार्च तक नियुक्ति तक सिक्का को कंपनी के उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके कई घंटे बाद जारी बयान में कंपनी ने कहा, मूर्ति के लगातार हमले, जिसमें उनका नवीनतम पत्र भी शामिल है, सिक्का के इस्तीफे का प्रमुख कारण है, जबकि उन्हें बोर्ड का मजबूत समर्थन हासिल था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मूर्ति ने बोर्ड और प्रबंधन की कथित रूप से कॉरपोरेट प्रशासन के मानकों पर नाकाम होने को लेकर उनकी निष्ठा पर सवाल खड़ा करते हुए पत्र लिखा था, जो देश भर के विभिन्न मीडिया हाउसों तक पहुंच गया। कंपनी ने कहा कि बोर्ड ने संस्थापक के कथित पत्र की सामग्री को अपमानजनक करार दिया है। कंपनी ने कहा, मूर्ति के पत्र में तथ्यात्मक अशुद्धियां, अस्वीकृत अफवाहें, और बोर्ड के सदस्यों के साथ उनकी बातचीत के संदर्भ के बाहर निकाले गए बयान शामिल हैं।
कंपनी ने शेयरधारकों, कर्मचारियों, ग्राहकों और समुदायों को मूर्ति के गुमराह अभियान से विचलित नहीं होने की अपील की और आश्वस्त किया कि वे कॉपोर्रेट प्रशासन के उच्चतम अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करना जारी रखेंगे क्योंकि यह सभी हितधारकों के लाभ के लिए मुनाफे के साथ विकास के लिए कंपनी की रणनीति बनाना जारी रखेंगे। बोर्ड ने कहा, बोर्ड ने पिछले एक साल के दौरान संस्थापक के साथ बातचीत कर मुद्दे को सुलझाना चाहा और कानून के तहत तथा अपनी स्वतंत्रता से समझौता किए बिना समाधान निकालना चाहा। लेकिन दुर्भाग्य से यह बातचीत सफल नहीं हुई।
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