मुंबई। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को वीडियोकॉन ग्रुप और आईसीआईसीआई बैंक से जुड़े 3,250 करोड़ रुपये ऋण के मामले में चार स्थानों पर छापे मारे। इस पूरे मामले में चंदा कोचर के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।सूत्रों ने यह जानकारी दी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
2012 के मामले में सीबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक व सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के तुरंत बाद छापे मारे।
प्राथमिकी 31 मार्च, 2018 को दीपक कोचर, वीडियोकॉन समूह के अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज की गई प्रारंभिक जांच (पीई) के मद्देनजर सामने आई है, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि आईसीआईसीआई बैंक द्वारा एक कंसोर्टियम के हिस्से में ऋण की मंजूरी में कुछ गलत हुआ है या नहीं।
छापे सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड और दीपक कोचर के स्वामित्व वाले वीडियोकॉन, नूपॉवर रिन्यूबल्स प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालयों पर मारे गए।
सीबीआई अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक जांच यह निर्धारित करने के लिए की जाती है कि आगे की विस्तृत जांच के लिए किसी मामले में अवैध काम होने के पर्याप्त सबूत हैं या नहीं। यदि पर्याप्त प्रमाण बताते हैं कि अपराध किया गया है, तो यह एक नियमित प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में परिवर्तित की जाती है।
सीबीआई ने वीडियोकॉन के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत द्वारा कथित तौर पर दीपक कोचर द्वारा प्रमोट की गई फर्म और कुछ रिश्तेदारों को करोड़ों रुपये देने के मामले में प्रारंभिक जांच शुरू की थी। धूत ने ये रुपये आईसीआईसीआई बैंक से 3,250 करोड़ ऋण मिलने के छह महीने बाद दिए।
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