मुंबई । कांग्रेस की दिग्गज नेता और कोलाबा सीट से दो बार की विधायक रहीं एनी शेखर का लंबी बीमारी के बाद रविवार को निधन हो गया। उनके परिवार ने यह जानकारी दी। वह 84 वर्ष की थीं। उनके परिवार में दो बेटे, एक बेटी, दो बहुएं, एक दामाद और 5 पोते-पोतियां हैं। उनके सबसे बड़े बेटे सुरेश चंद्रशेखर और बेटी अनीता शेखर-कास्टेलिनो बॉम्बे हाईकोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। उनके सबसे छोटे बेटे विजय शेखर एक वरिष्ठ पत्रकार हैं, जबकि उनके पति सीताम्बलम और बेटी सबीना का कई साल पहले निधन हो गया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एनी शेखर ने अपना पूरा जीवन सार्वजनिक सेवा में बिताया और अपने कोलाबा निर्वाचन क्षेत्र के साथ-साथ पूरे मुंबई में जनता और वर्गों के बीच लोकप्रिय रहीं। उनके समर्थक उन्हें प्यार से मम्मी कहते थे। वह दलितों के अधिकारों के लिए मजबूती से खड़ी हुईं और महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष किया।
विधायक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, शेखर ने विधानमंडल में महिलाओं की सुरक्षा, गरीबों के लिए आवास और विकलांगों के लिए रोजगार सृजन जैसे कई मुद्दों को उठाया था। उनकी प्रमुख उपलब्धियों में से एक कोलाबा में अध्ययन केंद्रों की शुरूआत थी। कूपरेज बैंडस्टैंड गार्डन में अध्ययन केंद्र और उनके द्वारा शुरू किए गए अन्य अध्ययन केंद्र चौबीसों घंटे खुले रहते हैं और हजारों गरीब छात्रों के लिए एक वरदान हैं जो साल भर वहां पढ़ने आते हैं।
यहां अध्ययन करने वाले कई बच्चे गूगल, अमेजन और यहां तक कि नासा जैसी बड़ी बहु-राष्ट्रीय कंपनियों के लिए काम कर चुके हैं। अपनी युवावस्था में अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत करते हुए, शेखर 45 साल पहले कांग्रेस में शामिल हुई थी। बाद में वह कोलाबा महिला कांग्रेस की अध्यक्ष और बाद में मुंबई कांग्रेस की महासचिव चुनी गईं।
1992 में, वह कोलाबा से नगर निगम पार्षद के रूप में चुनी गईं और 1997 में वह फिर से चुनी गईं। 2004 में, वह कोलाबा विधानसभा क्षेत्र से चुनी गईं और उन्होंने अक्टूबर 2009 के विधानसभा चुनावों में अपनी उपलब्धि दोहराई।
2006 से 2009 तक उन्हें राज्य मंत्री के पद के साथ बाल सहायता समिति की अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
--आईएएनएस
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