नई दिल्ली। महाराष्ट्र में शिवसेना में जारी सियासी घमासान ने राज्य सरकार की स्थिरता को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। शिवसेना के कद्दावर नेता और एक जमाने में बाला साहेब ठाकरे और उद्धव ठाकरे के करीबी रह चुके एकनाथ शिंदे की बगावत ने महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। लेकिन शिवसेना के नेता इस बगावत के लिए जिस भाजपा को जिम्मेदार बता रही है वह भाजपा अभी तक इस पूरे मामले में वेट एंड वॉच की रणनीति पर काम कर रही है। भाजपा के नेता महाराष्ट्र के घटनाक्रम पर गहराई से नजर बनाए हुए हैं। एकनाथ शिंदे के साथ विधायकों की संख्या और उनकी भविष्य की रणनीति, उद्धव ठाकरे की रणनीति, कांग्रेस और खासकर शरद पवार की रणनीति के साथ ही भाजपा की नजर राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी के स्टैंड पर भी बनी हुई है, हालांकि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी कोरोना पॉजिटिव होने के कारण अस्पताल में एडमिट हो गए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आईएएनएस से बात करते हुए भाजपा के एक बड़े नेता ने बताया कि, यह पूरा मामला शिवसेना का आंतरिक मामला है। सत्ता के लिए शिवसेना ने हिंदुत्व का रास्ता छोड़कर, जनादेश का अपमान करके और हमें (भाजपा) धोखा देकर कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाया था। उन्होंने कहा कि इस अनैतिक और अस्वाभाविक गठबंधन को तो टूटना ही था। यह उद्धव ठाकरे की नाकामी है कि वो अपनी पार्टी तक को संभाल नहीं पाए।
आईएएनएस को मिली जानकारी के अनुसार अजित पवार प्रकरण में धोखा खा चुकी भाजपा इस बार कोई जल्दबाजी करने के मूड में नहीं है, इसलिए इस पूरे घमासान की कमान अब तक शिवसेना के बागी मंत्री एकनाथ शिंदे के हाथ में ही है।
एकनाथ शिंदे शिवसेना के अन्य बागी विधायकों के साथ गुजरात के सूरत से निकल कर गुवाहाटी पहुंच चुके हैं। शिंदे यह दावा कर रहे हैं कि पार्टी के 55 में से 40 विधायक उनके साथ हैं। वह 7 निर्दलीय विधायकों के भी अपने साथ होने का दावा कर रहे हैं। शिंदे ने उद्धव ठाकरे के साथ फोन पर बातचीत के दौरान वापस आने के लिए अपनी तरफ से कई शर्तें रखी हैं और वो उद्धव ठाकरे के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद ही एकनाथ शिंदे अपने अगले कदम का ऐलान कर सकते हैं और भाजपा तब तक इस पूरे घटनाक्रम पर पर्दे के पीछे से नजर बनाए हुए है।
--आईएएनएस
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