मुंबई। महज चार महीने पहले चुनावी राजनीति में कदम रखने वाले शिवसेना के 'राजकुमार' आदित्य ठाकरे के सिर पर ताज सजने का गौरव हासिल होने की पूरी संभावना है, क्योंकि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद पार्टी 'किंग मेकर' के रूप में उभरी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
'मातोश्री' की अलिखित परंपराओं को ताक पर रखते हुए मुंबई के 'प्रथम परिवार' के 29 वर्षीय अविवाहित लाडले आदित्य न केवल चुनावी रण में कूदे, बल्कि जीते भी।
शुरुआत में, पार्टी का एक धड़ा चाहता था कि उन्हें 'नए चेहरे' के तौर पर अगले मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में पेश किया जाए, जबकि पार्टी के कई वरिष्ठ नेता चाहते हैं कि उनके 'सेनापति' उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद को सुशोभित करें, ताकि "पार्टी के दिवंगत संस्थापक बाल ठाकरे का सपना पूरा हो।"
लेकिन सीट बंटवारे को लेकर सहयोगी सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की त्योरी चढ़ गई। उसने 288 में से मात्र 124 सीटें देकर शिवसेना नेताओं की महत्वाकांक्षा को कुचलने का प्रयास किया और इस कारण शिवसेना के अंदर विरोध के स्वर उठने लगे थे।
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