मुंबई । महाराष्ट्र में विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के एक महिला प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल तीन मंत्रियों को हटाने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल में शिवसेना-यूबीटी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की वरिष्ठ महिलाओं- डॉ. मनीषा कायंडे, विद्या चव्हाण, स्नेहल आंबेकर, निर्मल सामंत-प्रभावलकर सहित अन्य शामिल थे। उन्होंने राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने वाले मंत्री अब्दुल सत्तार और दो अन्य मंत्रियों रवींद्र चव्हाण व गुलाबराव पाटिल को बर्खास्त करने की मांग की गई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
डॉ. मनीषा ने कहा, "हमने राज्यपाल को सूचित किया कि यह (शिंदे-फडणवीस) सरकार अवैध है और उनके मंत्री राज्य में विपक्षी महिला राजनीतिक नेताओं के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, इसलिए उन्हें तुरंत मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि अपने लोकसभा कार्यकाल में आठ बार संसद रत्न पुरस्कार प्राप्त करने वाली सुप्रिया सुले के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करना गलत है।
चव्हाण ने कहा, "अगर सरकार में कोई नैतिकता बची है, तो उसे 24 घंटे में इन तीनों मंत्रियों को हटा देना चाहिए, ऐसा नहीं करने पर महिलाएं आंदोलन तेज करेंगी।"
तीन मंत्रियों द्वारा अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किए जाने से पूरे महाराष्ट्र की महिलाएं नाराज हैं। हालांकि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का कहना है कि वे समझते हैं, मगर ये मंत्री समझ से परे हैं।
डॉ. मनीषा ने मीडियाकर्मियों से कहा, "हम उम्मीद कर रहे थे कि सत्तार इस्तीफा दे देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब हमें उम्मीद है कि राज्यपाल इन मंत्रियों को कैबिनेट से निकालने के लिए कार्रवाई करेंगे।"
महिलाओं ने शिंदे-फडणवीस सरकार पर किसी महिला को कैबिनेट में जगह नहीं देने को लेकर भी निशाना साधा और कहा कि अगर मंत्री इस तरह महिलाओं का अपमान करते रहे तो वे बर्खास्त होने के लायक हैं।
--आईएएनएस
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