मुंबई। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भूख हडताल पर जाने
के मुद्दे को लेकर उनपर महाराष्ट्र सरकार में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने
निशाना साधा है। शिवसेना ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने किसानों
का आंदोलन खत्म करने के लिए गांधीवादी तरीके का सहारा लिया,जबकि उनकी अपनी
पार्टी के अध्यक्ष ने महात्मा गांधी को चतुर बनिया कहा था।
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शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में छपे संपादकीय में कहा कि मुख्यमंत्री का काम
शासन करना होता है। अनशन पर बैठ जाना भारतीयों के खिलाफ हो रहे अन्याय से
लडने के लिए महात्मा गांधी का हथियार था। आज इस देश में न तो अंग्रेज और न
कांग्रेस राज कर रही है।
कर्ज माफी और अपनी फसलों के लिए लाभकारी मूल्य की मांग करने वाले किसानों
से शांति की अपील करते हुए चौहान शनिवार को अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए
थे। उन्होंने कुछ योजनाओं की घोषणा करते हुए अगले दिन अनशन तोड दिया था
लेकिन फसाद से जुडी गतिविधियों में लिप्त लोगों को कडी चेतावनी जारी की थी।
चौहान के अनशन से एक ही दिन पहले यानी शुक्रवार को भाजपा प्रमुख अमित शाह
ने रायपुर में कहा था कि महात्मा गांधी एक चतुर बनिया थे, जिन्होंने
स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस को भंग करने की सही सलाह दी थी।
शिवसेना ने
अपने संपादकीय में कहा, भाजपा के अध्यक्ष तो महात्मा गांधी पर टिप्पणी कर
रहे थे, वहीं उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता अपने राज्य की समस्याओं को
सुलझाने के लिए गांधीवादी तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। मुख्यमंत्री का
काम शासन करना है।
संपादकीय में कहा गया, अपने राज्य में विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ
मुख्यमंत्री का भूख हडताल पर चले जाना गांधीवादी विचारों की जीत है। लेकिन
गांधीजी, सरदार वल्लभभाई पटेल ने अन्याय एवं निर्ममता के खिलाफ लडने के लिए
किसानों को तैयार किया और ब्रितानी लोगों के समक्ष चुनौती पेश करने के लिए
गांधीवादी विचारों का इस्तेमाल किया।
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