महाराष्ट्र। लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन टुटने की कगार पर है। ऐसे में बीजेपी की तरफ से गठबंधन बचाने की हर संभव कोशिशें की जा रही हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को फोन किया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमित शाह ने फोन पर उद्धव ठाकरे को गठबंधन बनाए रखने के लिए हिंदुत्व की दुहाई दी है। अमित शाह ने ठाकरे से कहा है कि हिंदुत्व के मुद्दे पर दोनों पार्टियों को एक होना चाहिए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
24 सालों से है शिवसेना-बीजेपी का गठबंधन...
बता दें, महाराष्ट्र में शिवसेना-बीजेपी का गठबंधन 24 साल से ज्यादा पुराना है। कहा जाता है कि जब हिंदुत्व के मुद्दे पर दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन हुआ था, उसी समय ये तय किया गया था कि महाराष्ट्र में शिवसेना और केंद्र में बीजेपी बड़े भाई की भूमिका निभाएगी।
लोकसभा चुनावों को देखते हुए शिवसेना ने बीजेपी के हिंदुत्व के मुद्दे को हाइजैक करना शुरू कर दिया है। उद्धव ठाकरे ने राम मंदिर का मुद्दा उठाकर अयोध्या का दौरा किया, जहां उसने बीजेपी पर जमकर हमला बोला। बीजेपी इससे भी बैकफुट पर चली गई है। बीजेपी को ऐसा लगने लगा की शिवसेना हिंदुत्व के मुद्दे पर उससे गठबंधन करेगी, लेकिन शिवसेना उसके बाद भी ऐकला चलो रे का नारा देकर आगे बढऩे लगी।
तीन राज्यों में मिली हार के बाद बैकफुट पर बीजेपी...
तीन राज्यों में मिली हार के बाद बीजेपी लोकसभा चुनाव से पहले बैकफुट पर चली गई है। बिहार में बीजेपी-जेडीयू-एलजीपी के बीच हुए सीट बंटवारे के फॉर्मूला से ये साफ संकेत मिलते हैं कि 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन को साथ लेकर चलना चाहती है। बीजेपी को अब ये लगने लगा है कि मजबूत गठबंधन ही उनकी 2019 में नईया पार लगाएगा। यहीं वजह है कि शिवसेना के लगातार हमलों के बावजूद बीजेपी शिवसेना की नाराजगी दूर कर चुनाव एक साथ लडऩे के लिए शिवसेना को पिछले कई महिनों से मना रही है।
गठबंधन को लेकर कहां फंस रहा है पेंच...
दरअसल गठबंधन पर पेंच विधानसभा सीट बंटवारे को लेकर फंस रहा है। शिवसेना चाहती है कि लोकसभा के समय ही विधानसभा सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय हो और उन्हें ज्यादा सीटें मिलें। पिछले विधानसभा चुनावों में भी शिवसेना ने 288 सीटों में से 150 सीटें अपने लिए मांगी थी, जिसे बीजेपी ने नामंज़ूर कर दिया था और दोनों का गठबंधन टूट गया था, हालांकि बाद में दोनों ने मिलकर सरकार बनाई। लेकिन इसबार हालात बीजेपी के लिए अनूकुल नहीं है। लिहाजा शिवसेना लोकसभा चुनाव में गठबंधन के बदले में विधानसभा चुनाव में ज्यादा सीटों की मांग कर रही है। दूसरा प्रस्ताव जो बीजेपी के सामने है वो लोकसभा और विधानसभा में 50-50 के फॉर्मूले के साथ जाने का है। अगर इसपर बीजेपी राजी हुई तो इसमें जीत शिवसेना की ही होगी।
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