मुंबई। महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को चुनाव हुए थे और तीन दिन बाद ही नतीजे आ गए थे। हालांकि किसी एक दल को बहुमत नहीं मिलने से वहां अब तक सरकार का गठन नहीं हो पाया है। वैसे जनता ने भाजपा और शिवसेना के गठबंधन पर मोहर लगा दी, लेकिन दोनों दलों में मुख्यमंत्री पद को लेकर ठनी हुई है। भाजपा जहां पूरे पांच साल अपना सीएम रखना चाहती है, वहीं शिवसेना ढाई-ढाई साल (50-50) के फॉर्मूले पर अड़ रखी है। तमाम अटकलों के बीच शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने बुधवार शाम को एक और बयान दे डाला। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राउत ने कहा कि महाराष्ट्र की कुंडली तो हम ही बनाएंगे। कुंडली में कौनसा गृह कहां रखा है और कौनसे तारे जमीन पर उतारने हैं, किस तरह की चमक देनी है। इतनी ताकत आज भी शिवसेना के पास है। किसी भी राजनेता या विधायक जिसके पास 145 का बहुमत है, वह मुख्यमंत्री बन सकता है। जिसके पास भी 145 का आंकड़ा है राज्यपाल ने उन्हें निमंत्रण दिया है। लेकिन उन्हें फ्लोर पर बहुमत साबित करना होगा।
राउत ने आगे कहा कि महाराष्ट्र के वृहद हित में हमारे लिए भाजपा नीत गठबंधन में बने रहना जरूरी है लेकिन सम्मान से समझौता किए बगैर। अगली सरकार बनाने में कोई जल्दबाजी नहीं है और उन्होंने उन कयासों को खारिज कर दिया कि अगर नई मंत्रिपरिषद के गठन में देरी होती है तो शिवसेना बंट सकती है।
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